Platinum Industries IPO : मुंबई स्थित स्टेबलाइजर बनाने वाली कंपनी प्लेटिनम इंडस्ट्रीज का आईपीओ 27 फरवरी को खुलने वाला है। निवेशकों के पास इसमें 29 फरवरी तक निवेश का मौका रहेगा। वहीं, एंकर निवेशकों के लिए यह 26 फरवरी को एक दिन के लिए खुलेगा। इस आईपीओ के तहत सिर्फ फ्रेश इक्विटी शेयर जारी होंगे। इसमें ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए कोई बिक्री नहीं होगी। कंपनी ने इश्यू के लिए 162-171 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड रखा है। कंपनी का इरादा 235.32 करोड़ रुपये जुटाने का है।
Platinum Industries IPO से जुड़ी डिटेल
प्लेटिनम इंडस्ट्रीज में प्रमोटरों की 94.74 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि डॉ होर्स्ट माइकल शिलर सहित पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास 5.26 फीसदी शेयर हैं। प्लैटिनम इंडस्ट्रीज ने प्राइवेट प्लेसमेंट के माध्यम से 157 रुपये प्रति शेयर के इश्यू प्राइस पर 9,10,700 इक्विटी शेयरों का प्री-आईपीओ प्लेसमेंट आवंटित किया है। कंपनी के प्रमोटर कृष्णा दुष्यन्त राणा और पारुल कृष्णा राणा हैं।
Platinum Industries कहां करेगी फंड का इस्तेमाल
प्लैटिनम सब्सिडियरी कंपनी प्लैटिनम स्टेबलाइजर्स इजिप्ट एलएलसी की स्वेज, मिस्र के गवर्नरेट में पीवीसी स्टेबलाइजर्स के लिए मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी की स्थापना के लिए 67.72 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र के पालघर में पीवीसी स्टेबलाइजर्स के लिए एक मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी की स्थापना के लिए 71.26 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके अलावा, 30 करोड़ रुपये का उपयोग वर्किंग कैपिटल जरूरतों के लिए और शेष सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
आईपीओ का 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB), नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 35 फीसदी और 15 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। आईपीओ की सफलता के बाद शेयरों का अलॉटमेंट 1 मार्च को फाइनल होगा। इसके बाद शेयरों की BSE और NSE पर 5 मार्च को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार लिंक इनटाइम है।
Platinum Industries IPO में ये हैं रिस्क फैक्टर्स
कंपनी सिंगल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी से संचालित होती है, जो महाराष्ट्र के पालघर में स्थित है। किसी भी लोकल सामाजिक अशांति या नेचुरल डिजास्टर का असर कंपनी के बिजनेस पर पड़ सकता है। कंपनी अपने रेवेन्यू के बड़े हिस्से के लिए कुछ कस्टमर्स पर निर्भर है। यानी कस्टमर्स के साथ किसी भी तरह की दिक्कत से कंपनी को नुकसान हो सकता है। प्लैटिनम उन इंडस्ट्री की डिमांड पर निर्भर है जहां पीवीसी पाइप और ट्यूब, पीवीसी प्रोफाइल, पीवीसी फिटिंग और बिजली के तार और केबल जैसे प्रोडक्ट्स का उपयोग किया जाता है। ऐसे इंडस्ट्री में कोई भी मंदी कंपनी के बिजनेस को नुकसान पहुंचा सकती है।
Platinum Industries का कारोबार
प्लैटिनम इंडस्ट्री का कारोबार स्पेशल्टी केमिकल्स इंडस्ट्री में है। यह पीवीसी स्टैबलाइजर्स, सीपीवीसी एडिटिव्स और लुब्रिकेंट्स, पीवीसी फिटिंग्स, इलेक्ट्रिकल वायर्स और केबल्स, एसपीसी फ्लोर टाइल्स, रिजिड पीवीसी फोम बोर्ड्स और पैकेजिंग मैटेरियल्स बनाती है। अभी घरेलू मार्केट में ऐसी कोई कंपनी लिस्टेड नहीं है, जो पीवीसी स्टैबलाइजर्स और सीपीवीस एडिटिल्स बनाती है।
कैसा है Platinum Industries का फाइनेंशियल
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2021 में इसे 4.82 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2022 में बढ़कर 17.75 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 37.58 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू भी सालाना 61 फीसदी से अधिक चक्रवृद्धि दर (CAGR) से उछलकर वित्त वर्ष 2023 में 232.56 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष 2023-24 की बात करें तो पहली छमाही अप्रैल-सितंबर 2023 में कंपनी को 22.84 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 123.73 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हो चुका है।