Sai Silks (Kalamandir) IPO: ऑफलाइन और ऑनलाइन कपड़े बेचने वाली साई सिल्क्स (कालामंदिर) का आईपीओ खुल गया है। इस आईपीओ में 22 सितंबर तक पैसे लगा सकेंगे। आईपीओ खुलने से पहले यह 26 एंकर निवेशकों से करीब 360.30 करोड़ रुपये जुटा चुकी है। सबसे अधिक शेयर एसबीआई मल्टीकैप फंड ने खरीदे हैं। अब ग्रे मार्केट की बात करें तो इसके शेयर आईपीओ के अपर प्राइस बैंड से 7 रुपये की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल्स के आधार पर निवेश का फैसला लेना चाहिए।
Sai Silks (Kalamandir) IPO की डिटेल्स
साई सिल्क्स (कालामंदिर) का 1201 करोड़ रुपये का आईपीओ 22 सितंबर तक खुला रहेगा। इस आईपीओ में 210-222 रुपये के प्राइस बैंड और 67 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकेंगे। इश्यू का आधा हिस्सा क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (QIB), 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) और 35 फीसदी हिस्सा खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। आईपीओ की सफलता के बाद शेयरों का अलॉटमेंट 27 सितंबर को फाइनल होगा और इश्यू का रजिस्ट्रार बिगशेयर सर्विसेज है। शेयरों की अगले महीने 4 अक्टूबर को बीएसई और एनएसई पर एंट्री होगी।
साई सिल्क्स के आईपीओ के तहत 2 रुपये की फेस वैल्यू वाले 600 करोड़ रुपये के 2,70,27,027 नए शेयर जारी होंगे। इसके अलावा बाकी 601 करोड़ रुपये के 2,70,72,000 करोड़ शेयरों की ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत बिक्री होगी। नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल 25 नए स्टोर और दो वेयरहाउस खोलने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने, कर्ज चुकाने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा।
Sai Silks (Kalamandir) के बारे में
2005 में बनी यह कंपनी एथनिक कपड़े और वैल्यू-फैशन प्रोडक्ट्स बेचती है। यह ऑफलाइन ही नहीं बल्कि अपनी खुद की वेबसाइट sskl.co.in और बाकी ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस के जरिए भी अपने प्रोडक्ट्स की बिक्री करती है। जुलाई 2023 तक के आंकड़ों के हिसाब से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में 54 से अधिक स्टोर्स हैं। अब कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो इसकी वित्तीय सेहत में पिछले तीन वित्त वर्षों में तेजी से सुधरी है। वित्त वर्ष 2020 में इसे 42.10 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले ही वित्त वर्ष गिरकर 5.13 करोड़ रुपये पर आ गया। हालांकि फिर स्थिति सुधरी और वित्त वर्ष वर्ष 2022 में यह बढ़कर 57.69 करोड़ रुपये, फिर वित्त वर्ष 2023 में 97.59 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।