श्रृंगार हाउस ऑफ मंगलसूत्र (एसएचओएमएल) का आईपीओ 10 सितंबर को खुल गया है। यह कंपनी मंगलसूत्र बनाती है। ब्रांडेड ज्वेलरी कंपनियों में प्रोडक्ट आउटसोर्स करने का चलन बढ़ रहा है। एसएचओएमएल जैसी कंपनियों के लिए इससे कारोबारी मौके बढ़ रहे हैं। कई बड़ी ब्रांडेड ज्वेलरी कंपनियां एसएचओएमएल की क्लाइंट्स हैं। कंपनी आईपीओ से आने वाले पैसे का इस्तेमाल अपने बिजनेस के विस्तार के लिए करेगी। इस आईपीओ में 12 सितंबर तक इनवेस्ट किया जा सकता है।
रिटेल इनवेस्टर्स के लिए 35 फीसदी शेयर रिजर्व
Shringar House of Mangalsutra Limited (SHOML) का आईपीओ 401 करोड़ रुपये का है। इस इश्यू में इनवेस्टर्स को नए शेयर इश्यू करेगी। कंपनी ने शेयर के लिए 155-165 रुपये का प्राइस बैंड रखा है। एक लॉट 90 शेयरों का है। इनवेस्टर्स को कम से कम एक लॉट के लिए बोली लगानी होगी। कंपनी ने रिटेल इनवेस्टर्स के लिए 35 फीसदी शेयर रिजर्व किए हैं। लिस्टिंग के बाद ऊपरी प्राइस बैंड पर कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1,591 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
कंपनी मंगलसूत्र की डिजाइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग करती है
SHOML की शुरुआत FY2008-2009 में हुई थी। कंपनी मंगलसूत्र की डिजाइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग करती है। यह B2B क्लाइंट्स को पिछले कई सालों से मंगलसूत्र की सप्लाई कर रही है। इससे इसने मंगलसूत्र बनाने में अच्छी विशेषज्ञता हासिल कर ली है। इंडिया में मंगलसूत्र के ऑर्गेनाइज्ड मार्केट में इसकी बाजार हिस्सेदारी 6 फीसदी है। कंपनी के पास 22 डिजाइनर्स और 166 कारीगर की टीम है। यह टीम ग्राहकों की पसंद और फैशन के बदले ट्रेंड के हिसाब से मंगलसूत्र के डिजाइन तैयार करती है।
क्लाइंट्स लिस्ट में कई बड़ी ब्रांडेड कंपनियां शामिल
श्रृंगार हाउस ऑफ मंगलसूत्र के पास हर मौके के लिए मंगलसूत्र की व्यापक रेंज है। इनमें शादी, त्योहार और मैरिज-एनिवर्सरी जैसे मौके शामिल हैं। कंपनी अपने बिजनेस का विस्तार करना चाहती है। कंपनी ने देश के 42 शहरों की पहचान की है, जिसमें यह थर्ड पार्टी इंडरमीडियरीज/फैसिलेटर्स के जरिए दाखिल होना चाहती है। कंपनी के रेवेन्यू में कॉर्पोरेट क्लाइंट्स की हिस्सेदारी भी बढ़ रही है। यह FY23 के 30.2 फीसदी से बढ़कर 34 फीसदी हो गई है। इसके कॉर्पोरेट क्लाइंट्स में Tanishq (Tata group), Reliance Retail, Indriya (Aditya Birla Group), Malabar Gold, Joyalukkas जैसी बड़ी ब्रांडेड ज्वेलरी कंपनियां शामिल हैं।
SHOML के बिजनेस के लिए कुछ खास रिस्क
एसएचओएमएल के बिजनेस के लिए कुछ रिस्क हैं। पहला, कंपनी सिर्फ मंगलसूत्र बनाती है। अगर किसी वजह से मंगलसूत्र की डिमांड में कमी आती है तो इसका कंपनी के बिजनेस पर असर पड़ेगा। अभी कंपनी का सिर्फ एक प्लांट है, जो मुंबई में है। इस प्लांट में अगर किसी तरह की दिक्कत आती है तो कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग पर खराब असर पड़ेगा। FY24 और FY25 में कंपनी का कैश फ्लो निगेटिव रहा है। इसकी वजह बिजनेस के विस्तार के लिए वर्किंग कैपिटल की ज्यादा जरूरत है। बिजनेस के विस्तार पर फोकस से पूंजी की जरूरत बढ़ जाती है।
क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?
SHOML के शेयरों का पी/ई FY25 की अनुमानित अर्निंग्स के आधार पर दूसरी ज्वेलरी कंपनियों के मुकाबले करीब 25 फीसदी कम है। कंपनी का मार्जिन प्रोफाइल अच्छा है। मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस में अपेक्षाकृत कम पूंजी की जरूरत पड़ती है। कंपनी की बैलेंसशीट अच्छी है। इसका डेट और इक्विटी रेशियो 0.6 है। इनवेस्टर्स इस आईपीओ में इनवेस्ट कर सकते हैं।