श्रृंगार हाउस ऑफ मंगलसूत्रा का आईपीओ 10 सितंबर को खुलने जा रहा है। यह मुंबई की कंपनी है, जो कई बड़ी ज्वेलरी कंपनियों के लिए मंगलसूत्र बनाती है। कंपनी अपने आईपीओ में सिर्फ 2.43 करोड़ नए शेयर इश्यू करेगी। एंप्लॉयीज के लिए कंपनी ने 20,000 शेयर रिजर्व किए हैं। इस आईपीओ में इनवेस्टर्स 12 सितंबर तक इनवेस्ट कर सकते हैं। शेयरों का एलॉटमेंट 15 सितंबर तक हो जाएगा। स्टॉक मार्केट्स में शेयर 17 सितंबर तक लिस्ट हो जाने की उम्मीद है।
कई बड़ी ज्वेलरी कंपनियां क्लाइंट्स हैं
Shringar House of Mangalsutra की शुरुआत 2009 में हुई थी। यह 18 कैरेट और 22 कैरेट प्योरिटी गोल्ड के मंगलसूत्र बनाती है। इसके कई बिजनेस-टू-बिजनेस क्लाइंट्स हैं। इनमें Titan Company, Malabar Gold, Reliance Retail, Novel Jewels (Aditya Birla Group), Joyalukkas India, P N Gadgil Jewellers, Waman Hari Pethe Jewellers और Vaibhav Jewellers जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
155-165 रुपये का प्राइस बैंड
कंपनी ने इश्यू में शेयरों के लिए 155-165 रुपये का प्राइस बैंड तय किया है। यह इश्यू कुल 401 करोड़ रुपये का होगा। एक लॉट साइज 90 शेयरों का है। इसका मतलब है कि इनवेस्टर्स को इस इश्यू में बोली लगाने के लिए कम से कम 14,850 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी। खास बात यह है कि 10 सितंबर को ही अर्बन कंपनी का भी 1,900 करोड़ रुयये का आईपीओ खुल रहा है।
FY25 में 61 करोड़ रुपये का प्रॉफिट
कंपनी आईपीओ से आए 280 करोड़ रुपये का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल से जुड़ी जरूरतों के लिए करेगी। बाकी पैसे का इस्तेमाल सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए होगा। इस कंपनी का मुकाबला Utssav CZ Gold Jewels, RBZ Jewellers और Sky Gold & Diamonds जैसी कंपनियों से है, जो पहले से लिस्टेड हैं। श्रृंगार हाउस ऑफ मंगलसूत्रा को इस साल मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष में 61.1 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ था। यह एक साल पहले हुए 31.1 करोड़ रुपये के प्रॉफिट से 96.5 फीसदी ज्यादा है।
लिस्टिंग पर पड़ सकता है कमजोर सेंटिमेंट का असर
FY25 में श्रृंगार हाउस ऑफ मंगलसूत्रा का रेवेन्यू 29.8 फीसदी बढ़कर 1,429.8 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले यह 1,101.5 करोड़ रुपये था। कंपनी ने चॉइनस कैपिटल एडवाइजर्स को मर्चेंट बैंकर नियुक्त किया है। आईपीओ बाजार में हलचल है। लेकिन, सेकेंडरी मार्केट में सेंटिमेंट कमजोर है। अगर सेकेंडरी मार्केट में गिरावट बढ़ती है तो इसका असर आईपीओ और शेयरों की लिस्टिंग पर पड़ सकता है।