Swiggy IPO: फूड डिलीवर करने वाली कंपनी स्विगी के आईपीओ को हाल ही में मार्केट रेगुलेटर सेबी की मंजूरी मिली है। अब कंपनी इस आईपीओ के फ्रेश इश्यू का साइज 3750 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5000 करोड़ रुपये करने जा रही है। कंपनी को इसके लिए आज 3 अक्टूबर को आयोजित एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) में शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है। इस तरह आईपीओ के साइज में 1250 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी। मामले से परिचित लोगों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी।
Swiggy IPO में OFS की साइज में कोई बदलाव नहीं
स्विगी ने केवल प्राइमरी इश्यू का साइज 3750 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5000 करोड़ रुपये किया है। वहीं, ऑफर फॉर सेल (OFS) की साइज में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह 6664 करोड़ रुपये ही रहेगा। इसके चलते अब इस आईपीओ का टोटल इश्यू साइज 10414 करोड़ रुपये से बढ़कर 11664 करोड़ रुपये हो जाएगा। मनीकंट्रोल ने 10 सितंबर को बताया था कि स्विगी अपने IPO का साइज बढ़ाने की योजना बना रही है।
बेंगलुरु स्थित कंपनी का यह आईपीओ अब तक के सबसे बड़े आईपीओ में से एक होगा। हालांकि, स्विगी ने अब तक इस मामले पर पुछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया है। आईपीओ का साइज बढ़ाने और नकदी कोष तैयार करने का निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब स्विगी को जोमैटो, ब्लिंकिट, फ्लिपकार्ट मिनट्स, टाटा बिगबास्केट जैसी प्रॉफिटेबल कंपनियों से तगड़े कंपटीशन का सामना करना पड़ रहा है।
स्विगी इस पैसे का इस्तेमाल कर्ज चुकाने, क्विक कॉमर्स बिजनेस को बढ़ाने और स्विगी ब्रांड को मजबूत बनाने के लिए करेगी। कंपनी टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर पर 586 करोड़ रुपये निवेश करेगी। अपडेटेड ड्राफ्ट के मुताबिक 137 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर्ज चुकाने के लिए होगा।
Prosus, Accel India, Alpha Wave, Coatue PE Asia, DST, Elevation Capital, Norwest Venture और Tencent स्विगी में अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे। इनमें से अकेले Prosus 11.78 करोड़ शेयर बेचेगी। यह ओएफएस का करीब 64 फीसदी है। सॉफ्टबैक विजन फंड उन बड़े निवेशकों में शामिल है, जो इस ओएफएस में अपने शेयर नहीं बेचेंगे। इसकी वजह लिस्टिंग के बाद स्विगी के शेयरों में अच्छी तेजी की उम्मीद हो सकती है।
कंपनी की फाइनल वैल्यूएशन आईपीओ में शेयर के प्राइस बैंड और दूसरी चीजों पर निर्भर करेगी। लेकिन अनुमान है कि कंपनी की वैल्यूएशन 10 से 13 अरब डॉलर के बीच होगी। यह जोमैटो की करीब 30 अरब डॉलर की वैल्यूएशन से कम है। FY25 की पहली तिमाही में स्विगी का लॉस 8 फीसदी बढ़कर 611 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का लॉस 564 करोड़ रुपये था। जून तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 3,222.2 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 35 फीसदी ज्यादा है।