IPO की तैयारी में जुटी टाटा कैपिटल ने इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए रोडशो शुरू कर दिए हैं। इनमें वैश्विक और घरेलू दोनों तरह के निवेशकों को शामिल किया जाएगा। यह बात मनीकंट्रोल को सूत्रों से पता चली है। IPO के मामले में रोड शो का मतलब है- संबंधित कंपनी के मैनेजमेंट की ओर से इनवेस्टर्स के साथ मीटिंग और रिप्रेजेंटेशंस। मीटिंग्स में IPO ला रही कंपनी के अधिकारी संभावित निवेशकों से बातचीत करते हैं और उन्हें समझाते हैं कि उनके IPO में निवेश करना क्यों उचित है। अक्सर, कंपनियां IPO के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए बड़े शहरों में कई मीटिंग आयोजित करती हैं।
सूत्रों में से एक ने कहा, "टाटा कैपिटल के डायवर्सिफाइड लेंडिंग पोर्टफोलियो, मजबूत पैरेंटेज, टाटा ब्रांड की विरासत और डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन पर फोकस से विदेशी और घरेलू दोनों तरह के निवेशकों की अच्छी खासी संख्या के IPO की तरफ आकर्षित होने की उम्मीद है।"
सूत्रों ने बताया कि टाटा कैपिटल की सीनियर लीडरशिप वैश्विक और घरेलू दोनों तरह के निवेशकों तक पहुंच बनाने की कोशिश का नेतृत्व कर रही है। हांगकांग, सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ-साथ भारत के प्रमुख फाइनेंशियल सेंटर्स में रोड शो आयोजित किए जा रहे हैं। ग्लोबल रोड शो के बाद रिटेल इनवेस्टर्स पर फोकस वाला एक डोमेस्टिक राउंड होगा। रिटेल रोड शो IPO लॉन्च के आसपास होने की उम्मीद है।
₹17000 करोड़ का रह सकता है Tata Capital IPO
Tata Capital के IPO का साइज 17000 करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है। कंपनी ने 4 अगस्त को कैपिटल मार्केट सेबी के पास एक अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस जमा किया था। टाटा कैपिटल, टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की सहायक कंपनी है। IPO में 21 करोड़ नए शेयर जारी होंगे। साथ ही मौजूदा शेयरहोल्डर्स की ओर से 26.58 करोड़ शेयरों को ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बिक्री के लिए रखा जाएगा। OFS में टाटा संस 23 करोड़ शेयर बेचने की योजना बना रही है। वहीं इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन 3.58 करोड़ शेयर बेचने की तैयारी में है।
कोटक महिंद्रा कैपिटल, बीएनपी पारिबा, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इस IPO के बुक रनिंग लीड मैनेजर्स में शामिल हैं। Tata Capital अपने IPO में नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाले पैसों का इस्तेमाल प्राप्त भविष्य की पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगी। इन जरूरतों में उधार देना भी शामिल है। टाटा कैपिटल एक NBFC है। टाटा संस के पास टाटा कैपिटल में 92.83 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
टाटा कैपिटल का IPO सितंबर 2025 से पहले आ जाएगा। इसकी वजह है कि टाटा कैपिटल को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से अपर लेयर NBFC (नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) का दर्जा दिया गया है। RBI के आदेश के अनुसार, अपर लेयर NBFC के लिए यह मान्यता मिलने के 3 साल के अंदर शेयर बाजारों में लिस्ट होना जरूरी है। टाटा कैपिटल को सितंबर, 2022 में अपर लेयर NBFC के रूप में क्लासिफाई किया गया था। इसका मतलब है कि इसे सितंबर 2025 तक शेयर बाजारों में लिस्ट होना है।
कॉन्फिडेंशियल रूट से जमा किए गए ड्राफ्ट को मिल चुकी है मंजूरी
इससे पहले Tata Capital ने अप्रैल 2025 में IPO के लिए कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट के जरिए ड्राफ्ट जमा किया था, जिसे SEBI ने जून महीने में मंजूरी दे दी। कहा गया था कि कंपनी अपने IPO की मदद से 17,200 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। ड्राफ्ट SEBI के साथ-साथ BSE और NSE को भी जमा किया था। कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट कंपनियों को लिस्टिंग पर अंतिम फैसले पर पहुंचने तक गोपनीयता की सुविधा देता है। अगर जरूरी हो तो वे बाद में बाजार की स्थितियों के आधार पर महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किए बिना ड्राफ्ट को वापस भी ले सकती हैं।
कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग, कंपनियों को सेंसिटिव बिजनेस डिटेल्स या फाइनेंशियल मेट्रिक्स और रिस्क्स को गोपनीय रखने की इजाजत देती है, खासकर कॉम्पिटीटर्स से। दूसरी ओर स्टैंडर्ड DRHP (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) फाइलिंग के बाद एक पब्लिक डॉक्युमेंट बन जाता है।
Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।