Tata Technologies IPO : टाटा टेक्नोलॉजीज के आईपीओ को लेकर निवेशकों के बीच काफी चर्चा है, जिसके जल्द ही बाजार में आने की उम्मीद है। 19 साल बाद टाटा ग्रुप की कोई कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने की तैयारी में है। आईपीओ के लॉन्च की तारीख की घोषणा अभी नहीं हुई है। हालांकि, मार्च में सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर दाखिल किए जाने के बाद से वैल्यूएशन और संभावित आईपीओ प्राइस को लेकर कई तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं।
ड्राफ्ट पेपर्स के अनुसार टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी कंपनी टाटा टेक्नोलॉजीज के आईपीओ के तहत 9.571 करोड़ शेयरों की बिक्री होगी, जो कि कंपनी की 23.60 फीसदी शेयरहोल्डिंग के बराबर है। यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा।
ग्रे मार्केट प्रीमियम पर नज़र रखने वाली कई वेबसाइट्स के मुताबिक टाटा टेक्नोलॉजीज का लेटेस्ट आईपीओ जीएमपी 84 रुपये प्रति शेयर है, जो इस सप्ताह की शुरुआत में 100 रुपये से कम है। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फाइनेंशियल्स और फंडामेंटल्स के आधार पर निवेश का फैसला लेना चाहिए।
टाटा टेक का आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) का होगा यानी इसके तहत नए शेयरों को जारी करने की कंपनी की कोई योजना नहीं है। इस आईपीओ के तहत 2 रुपए की फेस वैल्यू वाले 9,57,08,984 इक्विटी शेयरों की ओएफएस विंडो के तहत बिक्री होगी जो कंपनी की 23.60 फीसदी शेयरहोल्डिंग के बराबर है। आईपीओ के जरिए टाटा मोटर्स की अपने हिस्से के 8,13,33,706 शेयर, अल्फा टीसी होल्डिंग्स की 97.16 लाख और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 1 की योजना 48.58 लाख शेयरों को बेचने की है।
इस आईपीओ के लिए सब्सक्रिप्शन पीरियड, प्राइस बैंड और लॉट साइज अभी तक फिक्स नहीं हुआ है। इश्यू का 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (QIB), 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) और 35 फीसदी हिस्सा खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित होगा। आईपीओ की सफलता के बाद इसके शेयरों की बीएसई और एनएसई पर लिस्टिंग होगी।
कंपनी के बारे में डिटेल्स
टाटा टेक ग्लोबल इंजीनियरिंग सर्विसेज कंपनी है। यह दुनिया भर की ओरिजिनल इक्विपमेंट मैनुफैक्चरर्स (OEM) को शुरू से आखिरी तक सभी सॉल्यूशंस समेत प्रोडक्ट डेवलपमेंट और डिजिटल सॉल्यूशंस मुहैया कराती है। यह कंपनी एयरोस्पेस, ट्रांसपोर्टेशन और कंस्ट्रक्शन हैवी मशीनरी जैसे अन्य उद्योगों में सर्विसेज देती है। इसे 1994 में सेटअप किया गया था। इसमें सबसे अधिक हिस्सेदारी टाटा मोटर्स की है और इसके पास टाटा टेक के 74.69 फीसदी शेयरहोल्डिंग है।