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तिहाड़ में बंद केजरीवाल के करीबी ने दिया झटका! मंत्री राजकुमार आनंद ने दिया इस्तीफा, AAP को भी कहा अलविदा

Raaj Kumar Anand quits: राजकुमार आनंद ने भ्रष्टाचार पर पार्टी की नीति पर असंतोष का हवाला देते हुए बुधवार को आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ अपने पद से इस्तीफा दे दिया। आनंद पटेल नगर क्षेत्र से विधायक थे। वह जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में समाज कल्याण और एससी/एसटी मंत्री थे।

अपडेटेड Apr 10, 2024 पर 5:13 PM
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Arvind Kejriwal arrest: दिल्ली के मंत्री राजकुमार आनंद ने आम आदमी पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया है

Arvind Kejriwal arrest: आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद (Raaj Kumar Anand resigns) ने इस्तीफा दे दिया है। साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) भी छोड़ दी है। राजकुमार आनंद नवंबर 2022 में मंत्री बने थे।

राजकुमार आनंद ने भ्रष्टाचार पर पार्टी की नीति पर असंतोष का हवाला देते हुए बुधवार को आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ अपने पद से इस्तीफा दे दिया। आनंद पटेल नगर क्षेत्र से विधायक थे। वह जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में समाज कल्याण और एससी/एसटी मंत्री थे।

अपने पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद आनंद ने कहा कि उन्होंने मंत्री पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया क्योंकि वह अपना नाम मौजूदा 'भ्रष्टाचार' से नहीं जोड़ सकते थे। उन्होंने कहा कि मैं बाबा साहेब अंबेडकर के सिद्धांत पर चलने वाला व्यक्ति हूं। अगर दलितों के लिए ही काम नहीं कर पाया तो फिर पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है।


क्यों दिया इस्तीफा?

दिल्ली के मंत्री पद और AAP से इस्तीफा देने के बाद राजकुमार आनंद ने कहा, "जंतर-मंतर से अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि राजनीति बदलते ही देश बदल जाएगा। राजनीति तो नहीं बदली लेकिन राजनेता बदल गए हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "आम आदमी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए हुआ था लेकिन आज पार्टी भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है। मेरे लिए मंत्री पद पर काम करना मुश्किल हो गया है।" मैंने मंत्री पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया क्योंकि इस भ्रष्टाचार के साथ नाम मैं अपना नाम नहीं जोड़ना चाहता।''

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजकुमार आनंद के ठिकानों पर पिछले दिनों 22 घंटे से अधिक समय तक छापेमारी की थी। छापेमारी पूरी होने के बाद मंत्री ने बताया था कि तलाशी के दौरान कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। आनंद ने एजेंसी की कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि छापेमारी महज व्यक्तियों को परेशान करने का एक बहाना थी।

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