इंग्लैंड से पढ़ाई, बैंक में नौकरी और जमुई से लड़ रहे लोकसभा चुनाव, कौन हैं चिराग पासवान की जीजा अरुण कुमार भारती
Bihar Loksabha Election 2024: अरुण कुमार भारती ने कहा कि लोग अक्सर मुझ पर बाहरी होने का आरोप लगाते हैं, परंतु मैं उनसे यह पूछना चाहूंगा कि जिन्होंने बिहारी शब्द को ऐसा बना दिया था कि लोग खुद को बिहारी बताने में गौरव महसूस नहीं करते थे। वह लोग आज मुझ पर बाहरी होने का आरोप लगा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने सारण से रोहिणी आचार्य को टिकट मिलने पर भी सवाल खड़ा किए
Bihar Loksabha Election: जमुई से लड़ रहे लोकसभा चुनाव, कौन हैं चिराग पासवान की जीजा अरुण कुमार भारती
Bihar Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के पहले चरण में बिहार में चार सीटों पर मतदान होना है, जिसमें 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। इन चार में से एक जमुई लोकसभा सीट भी है, जो सुर्खियों में छाई हुई है। यहां से NDA की तरफ से LJP(R) के टिकट पर अरुण कुमार भारती (Arun Kumar Bharti) चुनाव मैदान में है। जबकि विपक्ष के I.N.D.I.A. से RJD के टिकट पर अर्चना भारती अपनी किस्मत आजमा रही है। इस सीट पर सबसे ज्यादा चर्चा अरुण कुमार भारती को लेकर है।
क्योंकि उन पर लगातार यह आरोप लगता रहा है कि वो बाहरी हैं और उनकी पहचान बस चिराग पासवान (Chirag Paswan) के परिवार का सदस्य होना है। अरुण कुमार भारती की अपनी कोई पहचान नहीं है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अरुण कुमार भारती कौन हैं और उनकी अपनी पहचान क्या है? चलिए हम बताते हैं
इंग्लैंड से की है मैनेजमेंट की पढ़ाई
Local 18 को दिए अपने खास इंटरव्यू में चिराग पासवान के जीजा अरुण कुमार भारती ने बताया कि लोग अक्सर यह पूछते हैं कि अरुण कुमार भारती कौन है? उन्होंने कहा कि अरुण कुमार एक भाई है, अपने पत्नी का पति है, दो बच्चों का पिता है। इसके साथ ही अरुण कुमार भारती ने जितने भी लोगों के साथ काम किया है वो उनके सहकर्मी है, सहयोगी हैं।
अरुण कुमार भारती ने बताया कि उन्होंने बिरला पब्लिक स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज आफ कामर्स से ग्रेजुएशन किया है। जबकि यूनाइटेड किंगडम (इंग्लैंड) की यूनिवर्सिटी आफ स्ट्रैटक्लैड (University of Strathclyde) से MBA की पढ़ाई की है।
अरुण कुमार भारती राजनीति में आने से पहले बैंक में नौकरी भी कर चुके हैं, जबकि इसके बाद उन्होंने अपना बिजनेस भी शुरू किया था। बिजनेस शुरू करने के बाद जब चिराग पासवान के जीवन में उथल-पुथल मची, तब अरुण कुमार भारती भी उन लोगों में से थे, जो उनके साथ खड़े रहे। अरुण कुमार भारती चिराग के मुश्किल वक्त के सहयोगी रहे।
चिराग के जीजा होने का नहीं मिला कोई फायदा
अरुण कुमार भारती ने बताया कि जिस वक्त चिराग पासवान के ऊपर मुश्किल आन पड़ी थी, उस वक्त मैंने उनका साथ दिया, लेकिन मैं हमेशा परदे के पीछे रहा। मेरा यह मानना है कि जब आप कोई काम करते हैं, तब आपको परदे के पीछे ही रहना चाहिए फिर परिणाम आने के बाद, तो आपकी अपनी पहचान सामने आ ही जाती है।
अरुण का कहना है, "लोग अक्सर मुझ पर बाहरी होने का आरोप लगाते हैं, लेकिन मैं उनसे यह पूछना चाहूंगा कि जिन्होंने बिहारी शब्द को ऐसा बना दिया था कि लोग खुद को बिहारी बताने में गौरव महसूस नहीं करते थे। वो लोग आज मुझ पर बाहरी होने का आरोप लगा रहे हैं।"
रोहिणी आचार्य को टिकट मिलने पर उठाए सवाल
इस दौरान उन्होंने सारण से रोहिणी आचार्य को टिकट दिए जाने पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि कुछ लोगों को विदेश से आने के 15 दिनों के बाद उम्मीदवारी मिल जाती है और कुछ लोग जो परदे के पीछे रहकर काम करते हैं, उन्हें बाहरी कहा जाता है।
भारती ने कहा कि जब उनका चयन हो रहा था, तब उन्हें परिवार का सदस्य होने का कोई भी लाभ नहीं मिला। उन्होंने बताया कि चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, तब चिराग पासवान ने कहा था की पूरी प्रक्रिया के तहत अगर टिकट फाइनल होता है, तभी चुनाव लड़ सकते हैं।
इसके बाद उन्हें पूरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा और अपने आप को साबित करना पड़ा था, जिसके बाद उनका नाम प्रत्याशी के तौर पर चुना गया था।
गौरतलब है कि अरुण कुमार भारती चिराग पासवान के बहनोई हैं और जमुई सीट से उम्मीदवार है। चिराग पासवान के सीट छोड़ने के बाद से ही ये सीट सुर्खियों में बनी हुई है और इसके बाद अरुण कुमार भारती को यहां से उम्मीदवारी मिली।