गुजरात के सूरत में कहां हुई कांग्रेस से गलती, कैसे एक भी वोट बिना पड़े जीत गया BJP का उम्मीदवार

Gujarat Loksabha Election 2024: लगभग हर निर्वाचन क्षेत्र में, मुख्य दल अपने उम्मीदवार उतारते हैं, जबकि कई निर्दलीय और स्थानीय उम्मीदवार भी मैदान में होते हैं। सूरत के मामले में, कांग्रेस रविवार को ही मुकाबले से बाहर हो गई थी, क्योंकि उसके उम्मीदवार नीलेश कुंभानी की उम्मीदवारी खारिज कर दी गई थी

अपडेटेड Apr 23, 2024 पर 4:13 PM
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Gujarat Loksabha Election 2024: भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मुकेश दलाल ने सोमवार को गुजरात निर्वाचन क्षेत्र से निर्विरोध जीत हासिल की

Gujarat Loksabha Election 2024: इस लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में एक वाकया ऐसा भी देखने को मिला, जहां न तो कोई चुनाव हुआ और न ही एक भी वोट पड़ा, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार की जीत हो गई। ये मामला गुजरात के सूरत का है, जहां भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मुकेश दलाल ने सोमवार को गुजरात निर्वाचन क्षेत्र से निर्विरोध जीत हासिल की, क्योंकि उनके सभी प्रतिद्वंद्वियों ने अपना नामांकन वापस ले लिया था। सूरत में तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होना था। ये लोकसभा चुनाव 2024 के लिए BJP की पहली आधिकारिक जीत है।

जिला कलेक्टर सह चुनाव अधिकारी सौरभ पारधी ने दलाल को चुनाव का प्रमाण पत्र सौंपते हुए मीडिया से कहा, "मैं घोषणा करता हूं कि बीजेपी की ओर से मुकेश कुमार चंद्रकांत दलाल को सूरत संसदीय क्षेत्र से सदन में सीट भरने के लिए विधिवत निर्वाचित किया गया है।"

सूरत में क्या हुआ?


लगभग हर निर्वाचन क्षेत्र में, मुख्य दल अपने उम्मीदवार उतारते हैं, जबकि कई निर्दलीय और स्थानीय उम्मीदवार भी मैदान में होते हैं। सूरत के मामले में, कांग्रेस रविवार को ही मुकाबले से बाहर हो गई थी, क्योंकि उसके उम्मीदवार नीलेश कुंभानी की उम्मीदवारी खारिज कर दी गई थी। कांग्रेस BJP के लिए मुख्य चुनौती है।

जिला रिटर्निंग अधिकारी ने शुरुआती तौर पर कुंभाणी के प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में खामियां पाईं।

सूरत से कांग्रेस के सब्सिट्यूट उम्मीदवार सुरेश पडसाला का नामांकन फॉर्म भी अमान्य कर दिया गया, जिससे गुजरात की प्रमुख विपक्षी पार्टी शहर में चुनाव मैदान से बाहर हो गई।

आठ और उम्मीदवारों मे भी वापस लिया नाम

अलग से, मैदान में बाकी 8 उम्मीदवार 4 निर्दलीय, 3 छोटे दलों से और बहुजन समाज पार्टी के प्यारेलाल भारती थे। दिलचस्प बात यह है कि इन सभी ने आखिरी दिन अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया।

इस बीच, कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि कुंभानी का लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) नामांकन पत्र बीजेपी के इशारे पर खारिज कर दिया गया और कहा कि वो इसे हाई कोर्ट में चुनौती देगी।

BJP की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने X पर पोस्ट किया, "सूरत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला कमल खिलाया है। मैं सूरत लोकसभा सीट से हमारे उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध चुने जाने पर बधाई देता हूं।" गुजरात से निचले सदन में 26 सदस्य जाते हैं। पिछले दो आम चुनावों में बीजेपी ने राज्य में परचम लहराया और सभी 26 सीटों पर जीत हासिल की।

पहले भी हो चुका है ऐसा

ऐसा नहीं है कि दलाल लोकसभा के लिए निर्विरोध चुने जाने वाले पहले सांसद होंगे। The Indian Express की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कई विधायक बिना किसी प्रतियोगिता के लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए चुने गए हैं।

जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा चार सांसद निर्विरोध चुने गए। अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव किसी नेता के निर्विरोध चुने जाने का सबसे नया उदाहरण थीं, जब उन्होंने 2012 में उत्तर प्रदेश के कन्नौज से उपचुनाव जीता था।

Indian Express के अनुसार, निर्विरोध चुने गए दूसरे प्रमुख सांसदों में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम वाई बी चव्हाण, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और एनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, नागालैंड के पूर्व सीएम और चार राज्यों के पूर्व राज्यपाल एससी जमीर, अंगुल से ओडिशा के पहले सीएम हरेकृष्ण महताब, तमिलनाडु के तिरुचेंदूर से संविधान सभा के पूर्व सदस्य टीटी कृष्णमाचारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद लक्षद्वीप से और केएल राव आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से, शामिल हैं।

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