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हरियाणा में BJP को बड़ा झटका! पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह की कांग्रेस में वापसी, पूर्व विधायक प्रेमलता भी शामिल

Haryana Lok Sabha Elections 2024: पूर्व बीजेपी नेता बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस में शामिल होने पर कहा कि 75-76 साल से हम ऐसे स्वस्थ प्रजातंत्र के रूप में बढ़ रहे हैं, लेकिन जो उसे कमजोर करने वाली ताकते हैं। उन्होंने कहा कि इन ताकतों को प्रजातंत्र को मजबूत करने की बात सोचनी चाहिए, नहीं तो मतदाता कुछ और सोचेगा

अपडेटेड Apr 09, 2024 पर 2:58 PM
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Haryana Lok Sabha Elections 2024: एक महीने पहले उनके बेटे बृजेंद्र सिंह बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे

Haryana Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हरियाणा में बड़ा झटका लगा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह (Chaudhary Birender Singh) मंगलवार (9 अप्रैल) को फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने करीब एक दशक तक भगवा पार्टी में रहने के बाद कांग्रेस में वापसी की है। बीरेंद्र सिंह की पत्नी और पूर्व विधायक प्रेमलता सिंह (Premlata Singh) भी कांग्रेस में शामिल हुईं। बीरेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा था कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी है और वह कांग्रेस में शामिल होंगे।

बीरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उदयभान और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

इससे करीब एक महीने पहले उनके बेटे बृजेंद्र सिंह बीजेपी छोड़कर विपक्षी दल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेम लता 2014-2019 तक विधायक रह चुकी हैं। बीरेंद्र सिंह कांग्रेस के साथ अपने चार दशक से अधिक पुराने रिश्ते को तोड़कर लगभग 10 साल पहले बीजेपी में शामिल हुए थे।


बेटे बृजेंद्र सिंह भी बीजेपी में शामिल

उनके बेटे बृजेंद् के 10 मार्च को कांग्रेस में शामिल होने के बाद ऐसी अटकलें थी कि बीरेंद्र सिंह भी कांग्रेस में शामिल होंगे। बीरेंद्र सिंह प्रधानमंत्री नरेंद् मोदी के नेतृत्व वाली पहली सरकार में केंद्रीय इस्पात मंत्री थे। उन्होंने ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री का भी कार्यभार संभाला था। निरस्त किए जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान, बीरेंद्र सिंह ने किसानों को अपना समर्थन दिया था। हरियाणा में हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में भी मंत्री रहे बीरेंद्र सिंह किसानों के मसीहा कहे जाने वाले सर छोटूराम के पौत्र हैं।

क्यों छोड़ी BJP?

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने बीजेपी क्यों छोड़ी, बीरेंद्र सिंह ने कहा कि वह 42 साल तक कांग्रेस के साथ रहे लेकिन 2014 में "कुछ कारणों" से बीजेपी में शामिल हो गए। उन्होंने कहा, "जब मैं बीजेपी में शामिल हुआ, तो मुझे पता था कि इस पार्टी की विचारधारा अलग होगी और दोनों दलों की विचारधाराओं के बीच कुछ मतभेद होंगे। बाद में, मुझे अनुभव हुआ कि एक बड़ा अंतर था।"

सिंह ने कहा, ''अपने राजनीतिक जीवन के दौरान, मैं ऐसे लोगों से जुड़ा जो समर्पित समर्थक रहे।'' उन्होंने संकेत दिया कि BJP ने इसे उस तरह से मान्यता नहीं दी, जिस तरह से दी जानी चाहिए थी। किसानों के आंदोलन पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने पार्टी मंच पर इस मुद्दे को उठाया था और आग्रह किया था कि उनकी शिकायतों का समाधान किया जाए।

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उन्होंने कहा, "मुझे लगा कि जब मैं सुझाव दे रहा था, तो उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था।" सिंह ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा, ''मैंने कहा है कि मैं भले ही चुनावी राजनीति में नहीं रहूं लेकिन जब तक संभव होगा मैं राजनीतिक रूप से सक्रिय रहूंगा।''

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