बेंगलुरु साउथ से बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या (Tejasvi Surya) ने उनकी संपत्ति में तेज उछाल का श्रेय शेयर बाजार को दिया। सूर्या ने मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में बताया, "मैंने शेयर बाजार में सिस्टमैटिक तरीके से SIPs, म्यूचुअल फंड और शेयरों में निवेश किया और इकोनॉमी में मजबूती के चलते इन सभी से मुझे अच्छा रिटर्न मिला।" तेजस्वी सूर्या ने चुनाव आयोग को सौंपे हलफनामे में बताया कि पिछले 5 सालों के दौरान उनकी संपत्ति में 30 गुना का उछाल आया है। सूर्या ने बताया कि साल 2019 में उनकी कुल संपत्ति करीब 13.46 लाख रुपये थी, जो 2024 में बढ़कर 4.10 करोड़ रुपये हो गया है।
उन्होंने कहा, "शेयर बाजार में तेजी और बढ़ती इकोनॉमी के चलते, रिटर्न काफी बढ़ गया है। इससे देश भर के निवेशकों को फायदा हुआ है। मैं भी उन निवेशकों में से एक हूं, जिन्हें इस फलती-फूलती इकोनॉमी से फायदा हुआ है।"
उन्होंने कहा, "स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड के इस शानदार रिटर्न के पीछे मुख्य वजह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में सुशासन और भारतीय इकोनॉमी की तेज ग्रोथ। अगर कोई मुझसे निवेश के लिए सलाह लेना चाहता है, तो मैं उसे कई गुना रिटर्न के लिए मोदी में निवेश करने की सलाह दूंगा।"
बता दें कि तेजस्वी सूर्या पेश से कर्नाटक हाईकोर्ट में वकील हैं और BJP नेता और बसवनगुडी से विधायक रवि सुब्रमण्यम के भतीजे हैं। सूर्या ने कहा कि उनके पास कार या घर जैसी कोई फिजिकल एसेट्स नहीं है। एफिडेविट के मुताबिक, उनके आय के स्रोत में प्रोफेशनल कमाई, सांसद की सैलरी, इंटरेस्ट और डिविडेंड शामिल हैं।
सूर्या ने कहा, "पिछले 5 सालों के दौरान, बतौर सांसद अपनी जिम्मेदारियां निभाने के अलावा, मैं लॉ की प्रैक्टिस भी कर रहा था और मैंने बेंगलुरु में एक लॉ फर्म भी खोली है और मुझे इससे सैलरी भी मिलती है। मेरे पास कोई सोना, अचल संपत्ति, गाड़ी या दूसरी चल संपत्ति नहीं है। मेरा सारा निवेश शेयर बाजार में हैं।"
वह स्कूल और कॉलेजों में वित्तीय साक्षरता पर भी जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा, "एक साल पहले संसद में, मैंने स्कूल और कॉलेज के कोर्सों में वित्तीय साक्षरता को शामिल करने की वकालत की थी, जिससे युवा आबादी वित्तीय स्वतंत्रता को लेकर अधिक जागरुक हो सके।"
33 वर्षीय तेजस्वी सूर्या ने 26 अलग-अलग म्यूचुअल फंड स्कीमों में करीब 1.99 करोड़ रुपये निवेश किया हुआ है। उन्होंने बताया, "मैंने साल 2019 में निवेश शुरू किया था और मैं अभी भी सीखने के चरण में हूं। कई ट्विटर यूजर्स ने भी मुझे मेरे म्यूचुअल फंड होल्डिंग को व्यवस्थित करने की सलाह दी है और मुझे कुछ स्टॉक्स को लेकर टिप्स भी दिए हैं। मैं उनपर विचार कर रहा हूं। मेरा इकलौता पछतावा यह है कि मैं शेयर बाजार में देरी से उतरा। कंपाउंडिंग की असली ताकत लॉन्ग-टर्म इनवेस्टमेंट में दिखती है।"