J&K Elections: उमर अब्दुल्ला ने क्यों लिया यू-टर्न? केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव नहीं लड़ने की खाई थी कसम

J&K Elections 2024: नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार (27 अगस्त) को आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में अपनी भागीदारी पर सस्पेंस खत्म कर दिया। पार्टी ने उन्हें गंदेरबल विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। वह एनसी-कांग्रेस गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री थे

अपडेटेड Aug 28, 2024 पर 12:15 PM
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J&K Elections 2024: उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ने की कसम खाई थी

J&K Elections 2024: नेशनल कांफ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में गंदेरबल विधानसभा क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमाएंगे। यह पूर्व मुख्यमंत्री के लिए यू-टर्न है। दरअसल, उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ने की कसम खाई थी। उमर का चुनाव लड़ने का फैसला एनसी के भीतर काफी ड्रामे के बाद आया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम शुरू में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अनिच्छुक थे। जूनियर अब्दुल्ला ने 2020 में नैतिक रुख अपनाया कि जब तक केंद्र जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल नहीं कर देता, तब तक वह चुनाव नहीं लड़ेंगे।

2019 में आर्टिकल 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू और कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में पुनर्गठित किया गया था। 2020 में उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि वह कभी भी केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की विधानसभा के सदस्य नहीं होंगे। बाद में उन्होंने अपनी स्थिति पर जोर देते हुए कहा कि वह केंद्र शासित प्रदेश (UT) की विधानसभा में प्रवेश करके "खुद को अपमानित नहीं करेंगे"।

क्यों लिया यू-टर्न?


नेशनल कांफ्रेंस ने पार्टी के 32 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की, जिसमें गंदेरबल विधानसभा सीट के लिए उमर अब्दुल्ला का नाम भी शामिल है। अब्दुल्ला इस निर्वाचन क्षेत्र का विधानसभा में 2009 से 2014 तक प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। तब वह NC-कांग्रेस गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री थे। उमर ने सोमवार को संकेत दिए थे कि वह चुनाव न लड़ने के अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकते हैं।

नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस द्वारा सोमवार को सीट बंटवारे की घोषणा के बाद मीडिया से बात करते हुए उमर ने कहा था कि वह अपनी पार्टी के सहयोगियों से चुनाव लड़ने। लोगों से एक ऐसी विधानसभा के लिए वोट देने को कहकर "गलत संकेत" नहीं देना चाहते, जिसे वह शायद तुच्छ मानते हैं।

पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके उमर ने कहा, "मुझे एक बात का अहसास है जिसके बारे में मैंने पूरी तरह नहीं सोचा था, और वह मेरी गलती है। अगर मैं विधानसभा के लिए चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं था, तो मैं लोगों को उस विधानसभा के लिए वोट देने के लिए कैसे तैयार कर सकता हूं।"

नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष ने कहा, "मैं कैसे उम्मीद कर सकता हूं कि मेरे साथी उस विधानसभा के लिए वोट मांगेंगे जिसे मैं स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हूं। इसने मुझ पर दबाव डाला है और मैं लोगों को गलत संकेत नहीं देना चाहता।"

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