कर्नाटक की धारवाड़ लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए अच्छी खबर है। यहां से लिंग संत दिंगलेश्वर स्वामी ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री प्रह्राद जोशी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ने का फैसला किया था।
कर्नाटक की धारवाड़ लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए अच्छी खबर है। यहां से लिंग संत दिंगलेश्वर स्वामी ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री प्रह्राद जोशी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ने का फैसला किया था।
शिराहट्टी फक्किरेश्वर मठ के फकीरा दिंगलेश्वर स्वामी ने जोशी के खिलाफ वीरशैव-लिंगायत और अन्य समुदायों को 'दबाने' का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया था। बहरहाल, दिंगलेश्वर स्वामी ने कहा कि वह अपना 'धर्म युद्ध' जारी रखेंगे। इससे पहले दिन में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने संत से अपना नामांकन वापस लेने और कांग्रेस को समर्थन देने का अनुरोध किया था।
स्वामी का कहना था कि उन्होंने 20 दिन पहले एक लड़ाई शुरू की थी और इसे 'धर्म युद्ध' का नाम दिया गया था। उन्होंने कहा, ' मैंने कहा था कि ये स्वाभिमान का चुनाव चाहिए था।' लिंगायत संत द्वारा नामांकन पत्र जमा करने के बाद भी दोनों पार्टियों के नेताओं ने उनसे चर्चा की थी। लिंगातय संत के मुताबिक, उन्होंने गुरु ने उन्हें नामांकन वापस लेने का निर्देश दिया था।
दिंगलेश्वर स्वामी ने 8 अप्रैल को बेंगलुरु के वीरशैव लिंगायत भवन में धाड़वाड़ से लोकसभा चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी। इसके बाद उन्होंने 18 अप्रैल को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। वहीं, संत ने कांग्रेस सरकार पर सत्ता में आने के बाद लिंगायतों की उपेक्षा करने और समुदाय के योग्य नेताओं को उपयुक्त पद नहीं देने का भी आरोप लगाया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने दोनों बीजेपी और कांग्रेस पर धारवाड़ निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को धोखा देने का आरोप भी लगाया था।
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