Lok Sabha Elections 2024: सोशल मीडिया पर छाईं कासरगोड से BJP की महिला उम्मीदवार, 7 भाषाओं में मांग रही हैं वोट
Lok Sabha Elections 2024: कासरगोड अपनी भाषाई विविधता के लिए जाना जाता है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, यहां 82.07 फीसदी लोग मलयालम, 4.02 फीसदी लोग कन्नड़, 8.08 फीसदी लोग तुलु और 1.8 फीसदी लोग मराठी, लगभग 30,000 और 25,000 लोग क्रमशः उर्दू और कोंकणी बोलते हैं
M.L. Ashwini सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई हैं
Lok Sabha Elections 2024: केरल के उत्तरी लोकसभा क्षेत्र कासरगोड (Kasargod Parliamentary Constituency) में एक युवा महिला उम्मीदवार को हर्षित मुस्कान और मिलनसार व्यवहार के साथ कई भाषाओं में लोगों से वोट मांगते देखा जा रहा है। सात भाषाओं में वोट मांग रहीं 38 वर्षीय टीचर एमएल अश्विनी (M.L. Ashwini) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कासरगोड से चुनावी मैदान में उतारा है। कासरगोड में लोगों के साथ बातचीत करते समय वह सहजता से मलयालम, कन्नड़, तुलु, मराठी, कोंकणी, बयारी और उर्दू में बात करती हैं। सोशल मीडिया पर उनके वीडियो खूब वायरल हो रहे हैं।
26 अप्रैल के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी से महिला मोर्चा नेता की उम्मीदवारी एक आश्चर्य के रूप में सामने आई, लेकिन उनका भाषाई कौशल उन्हें आगे बढ़ने में मदद कर रहा है। कासरगोड अपनी भाषाई विविधता के लिए जाना जाता है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, यहां 82.07 फीसदी लोग मलयालम, 4.02 फीसदी लोग कन्नड़, 8.08 फीसदी लोग तुलु और 1.8 फीसदी लोग मराठी, लगभग 30,000 और 25,000 लोग क्रमशः उर्दू और कोंकणी बोलते हैं।
हालांकि शुरुआत में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के नाम चर्चा में थे, लेकिन अश्विनी को उस निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा गया जो लंबे समय तक वामपंथियों का गढ़ रहा था। 2019 के लोकसभा चुनावों में बदलाव की हवा महसूस की गई जब कांग्रेस के राजमोहन उन्नीथन ने CPI (M) के सतीश चंद्रन को लगभग 40,000 वोटों से हराया। जहां पहले वाले को 4,74,961 वोट मिले। वहीं दूसरे को 4,34,523 वोट मिले, जबकि बीजेपी उम्मीदवार रवीशा तंत्री कुंतार को केवल 1,76,049 वोट मिले।
अश्विनी को जीत का भरोसा
कासरगोड, केरल का सबसे उत्तरी जिला जिसका बेहद ही समृद्ध राजनीतिक इतिहास रहा है। कासरगोड को 'सात भाषाओं की भूमि (Land Of Seven Languages)' के रूप में जाना जाता है, जहां काफी संख्या में लोग मराठी, कोंकणी, बयारी और उर्दू बोलते हैं। मौजूदा सांसद कांग्रेस के राजमोहन उन्नीथन और सत्तारूढ़ CPI (M) के लोकप्रिय स्थानीय नेता एम वी बालाकृष्णन मास्टर के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं अश्विनी का मानना है कि कई भाषाओं पर उनकी पकड़ उन्हें मतदाताओं के साथ बेहतर तरीके से जुड़ने में मदद करेगी।
अश्विनी ने कहा कि वह मलयालम, कन्नड़ और तुलु के अलावा तमिल, हिंदी और अंग्रेजी से भी परिचित हैं। उन्होंने पीटीआई से कहा, ''इससे मुझे चुनाव प्रचार के दौरान अतिरिक्त आत्मविश्वास मिलता है।'' कर्नाटक में जन्मी और पली-बढ़ी तथा तमिल और हिंदी भाषी पड़ोसियों के बीच पली-बढ़ी अश्विनी का बचपन से ही कई भाषाओं से परिचय हुआ है। उन्होंने कहा कि हालांकि वह मलयाली हैं, लेकिन उनके माता-पिता दशकों पहले बेंगलुरु में बस गए थे। वह शादी के बाद कुछ साल पहले कासरगोड आई थीं।
उन्होंने कहा, "चूंकि मेरा जन्म, पालन-पोषण और पढ़ाई बेंगलुरु में हुई, बचपन से ही कन्नड़ मेरे जीवन का हिस्सा रही है। चूंकि हमारे पड़ोसी तमिलनाडु से थे और दोस्त उत्तर भारतीय राज्यों से थे, इसलिए तमिल और हिंदी सीखने में कोई कठिनाई नहीं हुई।" उन्होंने तुलु उन रिश्तेदारों से सीखा जो लंबे समय से कर्नाटक में रहते थे।
भाषा से पैदा होता है लगाव
अश्विनी ने कहा, "जब हम मतदाताओं से उनकी भाषा में बात करेंगे तो निश्चित तौर पर उनके मन में हमारे प्रति लगाव पैदा होगा।" उन्होंने कहा कि बहुभाषी कौशल भी वरिष्ठ नागरिकों और महिला मतदाताओं से जुड़ने का एक अच्छा तरीका है। उन्होंने कहा, "कुछ इलाकों में लोग मलयालम नहीं समझते हैं। वहां मैंने कन्नड़ई भाषा अपना ली। इससे उन्हें खुशी होती है। कई लोगों ने इसके लिए मेरी सराहना भी की।"
वर्तमान में पिछले तीन वर्षों से यहां मंजेश्वरम में ब्लॉक पंचायत सदस्य के रूप में कार्यरत अश्विनी ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र के लोग वर्षों से बुनियादी सुविधाओं की कमी और अविकसितता से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि कासरगोड के लोग दशकों से बेहतर अस्पताल सुविधाओं और शैक्षणिक संस्थानों के लिए पड़ोसी राज्य कर्नाटक पर निर्भर रहे हैं। उन्होंने कहा, "सैकड़ों छात्र अपनी शिक्षा के लिए कर्नाटक की यात्रा कर रहे हैं, क्योंकि यहां कोई अच्छे कॉलेज नहीं हैं। वहां अच्छी मेडिकल सुविधाएं भी नहीं हैं। पीने के पानी की समस्या भी गंभीर है।"
उन्होंने दावा किया कि निर्वाचन क्षेत्र के लोग बदलाव की कामना कर रहे हैं और इसलिए इस बार BJP-NDA उम्मीदवार को चुनेंगे। अश्विनी ने कहा कि वह टीचर के रूप में सेवा करते हुए आकस्मिक रूप से राजनीति में आईं और महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद से वह पार्टी में सक्रिय हैं। उन्होंने संगठनात्मक गतिविधियों, चुनाव संबंधी कार्यों और विभिन्न बैठकों में भाग लेने के लिए 10 से अधिक राज्यों की यात्रा की है।
बीजेपी उम्मीदवार ने कहा, "इस बार कासरगोड में हमारा वोट प्रतिशत निश्चित रूप से बढ़ेगा। महिलाएं और युवा निश्चित रूप से मुझे वोट देंगे। मैं इस बार यहां बीजेपी की जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हूं।" कासरगोड लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में मंजेश्वरम, कासरगोड, उदमा, कान्हांगड, त्रिकारीपुर और पास के कन्नूर जिले के पय्यानूर और कलियास्सेरी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।