चालीस साल पुराना एक रिकॉर्ड इस बार टूट जाएगा क्या? 1984 के लोकसभा चुनाव, जो तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए थे, उसमें कांग्रेस ने 404 सीटें हासिल की थीं। स्वतंत्र भारत के इतिहास में ये अभी तक एक मात्र मौका रहा है, जब किसी राजनीतिक पार्टी ने लोकसभा में 400 का आंकड़ा पार किया।
इंदिरा गांधी की हत्या के कारण कांग्रेस के पक्ष में जो सहानुभूति की लहर पैदा हुई थी, उसमें ज्यादातर विपक्षी दलों को करारी हार का सामना करना पड़ा था। 1984 के उस लोकसभा चुनाव में बीजेपी मात्र दो सीटों पर सिमट गई थी। लालकृष्ण आडवाणी ने इसे 'शोकसभा का चुनाव' कहा था, लेकिन उसके बाद समीकरण बदलते गये।
1984 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने 49.1 प्रतिशत वोट हासिल किये थे। ये अभी तक हुए तमाम लोकसभा चुनावों में किसी पार्टी को हासिल हुआ सबसे अधिक वोट प्रतिशत है। लेकिन इस हाई के बाद अगले तीस साल में कांग्रेस 44 सीट पर पहुंच गई, जबकि दो सीटों वाली पार्टी बीजेपी 282 सीटों पर पहुंच गई।
2014 के चुनाव वो पहले लोकसभा चुनाव थे, जब बीजेपी को अपने दम पर बहुमत हासिल हुआ था। उसके पहले तीन बार सरकार बनाने वाली बीजेपी को एनडीए में शामिल बाकी दलों के भरोसे सरकार बनानी पड़ी थी। 2014 लोकसभा चुनावों में बीजेपी को 31 प्रतिशत वोट मिले, तो कांग्रेस को 19.31 प्रतिशत वोट ही मिले।
पांच साल बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में 303 सीटों पर कब्जा किया। ये लगातार दूसरी बार हुआ कि बीजेपी ने खुद के बूते केंद्र में सरकार बनाई। BJP को 37.3 प्रतिशत वोट मिले। 2019 के इन चुनावों में कांग्रेस महज 52 सीट ही हासिल कर पाई।
लोकसभा चुनावों के इतिहास में कांग्रेस के अलावा बीजेपी एक मात्र पार्टी है, जिसने 300 से ज्यादा सीटें जीती हैं। कांग्रेस 1952, 1957, 1971 और 1980 के लोकसभा चुनावों में 300 से ज्यादा सीट जीतने में कामयाब रही थी, 1984 में तो वो 400 के आंकड़े को पार कर गई। ये रिकॉर्ड टूटेगा?
क्या इस बार बनेंगे बड़े रिकॉर्ड
बड़ा सवाल यही है, जब 2024 लोकसभा चुनावों में सातवें और अंतिम चरण के मतदान के पूरा होने में महज कुछ घंटे रह गये हैं। साढ़े छह बजे से तमाम एक्जिट पोल के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने नारा दिया था, 400 पार। ये नारा एनडीए के लिए था, बीजेपी के लिए 370 का लक्ष्य रखा गया था।
देश- दुनिया की निगाह इसी ओर है। एक्जिट पोल के नतीजे संकेत दे देंगे, लेकिन अंतिम मुहर इस पर लगेगी 4 जून को, जब मतगणना होगी। अपने लंबे सियासी कैरियर में कई बड़े रिकॉर्ड बना चुके नरेंद्र मोदी क्या जीत की हैट्रिक के साथ कुछ और बड़े रिकॉर्ड कायम करेंगे इस बार? सबके मन में यही सवाल है।