लोकसभा चुनावों के आखिरी चरण की वोटिंग 1 जून को होगी। ऐसे में सबकी निगाहें अब 1 जून की शाम आने वाले एग्जिट पोल के नतीजों पर लगी हैं। पिछले सालों में मतदाताओं का मूड बताने में एग्जिट पोल सफल रहे हैं। इससे चुनाव आयोग के ऐलान से पहले ही इलेक्शंस के फाइनल नतीजों का अंदाज मिल जाता है। सवाल है कि क्या एग्जिट पोल हर बार सही साबित हुए हैं? इस सवाल का जवाब है नहीं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 2004 के लोकसभा चुनाव के नतीजे हैं। एग्जिट पोल में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाले एनडीए की जीत का अनुमान जताया गया था। लेकिन, फाइनल नतीजों ने पूरे देश को चौंका दिया था।
2004 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में जीत से BJP का हौसला बुलंद था। तब 'इंडिया शाइनिंग' का नारा चारों और दिख रहा था। एग्जिट पोल में BJP की अगुवाई वाले NDA को 240-250 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था। लेकिन, जब फाइनल नतीजों का ऐलान हुआ तो स्थिति बिल्कुल अलग बन गई। तब लोगों ने एग्जिट पोल के नतीजों को लेकर सवाल खड़े किए। कांग्रेस (Congress) के नेतृत्व में यूपीए ने सरकार बनाई जिसके प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बने।
दिल्ली के 2015 के विधानसभा चुनावों में AAP को काफी ज्यादा सीटें मिली थीं। कुल 70 में से 67 सीटें आप के खाते में गई थीं। एग्जिट पोल के नतीजों से आप के बहुतम में आने का अनुमान था। लेकिन, किसी एजेंसी ने अपने एग्जिट पोल में आप की ऐसी जीत के संकेत नहीं दिए थे। ज्यादातर एग्जिट पोल में आप को 50 से कुछ ज्यादा सीटें मिलती दिखाई गई थीं।
2015 के बिहार विधानसभा के चुनाव
बिहार में 2015 में हुए विधानसभा चुनावों में एग्जिट पोल ने पक्ष और विपक्ष में कांटे की टक्कर के संकेत दिए थे। एग्जिट पोल ने किसी गठबंधन को बहुमत नहीं मिलने के संकेत दिए थे। लेकिन, फाइनल नतीजों में राजद-जदयू-कांग्रेस के गठबंधन ने शानदार जीत हासिल की थी। राजद सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई थी।
2017 के यूपी विधानसभा के चुनाव
2016 में नोटबंदी के बाद यूपी में 2017 में विधानसभा चुनाव हुए थे। यह आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है। एग्जिट पोल ने BJP को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आने के संकेत दिए थे। लेकिन, फाइनल नतीजों ने सबको चौंका दिया था। BJP को 300 से ज्यादा सीटें मिली थीं। जिस बीजेपी ने 2012 में सिर्फ 47 सीटें हासिल की थी, उसके सीटों की संख्या बढ़कर रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई थी।
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2014 का लोकसभा चुनाव एनडीए ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा था। तब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। एग्जिट पोल में BJP की अगुवाई वाले एनडीए को सबसे ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था। लेकिन, एनडीए की जोरदार जीत का अनुमान नहीं जताया गया था। लेकिन, फाइनल रिजल्ट में एनडीए को 300 से ज्यादा सीटें मिली थी। बीजेपी ने 272 से ज्यादा सीटें हासिल की थी। कांग्रेस को सिर्फ 44 सीटें मिली थीं।