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किराए के भवन में हरियाणा BJP के प्रभारी बनकर आए थे नरेंद्र मोदी, खुद ही बनाते थे अपना खाना, कभी-कभी दाल तड़का खाने पहुंच जाते थे भिवानी स्टैंड

Haryana Lok Sabha Election 2024: हरियाणा के पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर इस सब के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय देते हैं। ग्रोवर वो समय याद करते है, जब 1995 में नरेंद्र मोदी हरियाणा के प्रभारी बनकर आए था। तब बीजेपी के पास खुद का कार्यालय तक नहीं था। एक किराए के भवन से पार्टी की गतिविधियां चलाई जाती थीं

अपडेटेड May 02, 2024 पर 9:08 PM
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Haryana Lok Sabha Election 2024: किराए के भवन में हरियाणा BJP के प्रभारी बनकर आए थे नरेंद्र मोदी (FILE PHOTO)

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने 2019 लोकसभा चुनाव में सभी 10 की 10 सीटें जीती थीं। इस बार भी पार्टी ने जीत के इस रिकॉर्ड को दोहराना के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। हालांकि, एक समय ऐसा भी था, जब पार्टी का इस राज्य में खाता तक नहीं खुलता था। ये वो वक्त था, जब बीजेपी के पास हरियाणा में न तो चुनावी एजेंट बनने के लिए कार्यकर्ता होते थे और न ही संसाधन। आज बीजेपी के पास सब कुछ है। प्रदेश में भी सरकार है और केंद्र में भी सरकार है। कभी किराए के भवन से राजनीति करने वाली पार्टी के पास आज खुद का आलीशान दफ्तर भी है।

हरियाणा के पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर इस सब के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय देते हैं। ग्रोवर वो समय याद करते है, जब 1995 में नरेंद्र मोदी हरियाणा के प्रभारी बनकर आए था। तब बीजेपी के पास खुद का कार्यालय तक नहीं था। एक किराए के भवन से पार्टी की गतिविधियां चलाई जाती थीं। नरेंद्र मोदी और मनोहर लाल की जोड़ी ने पूरे हरियाणा की खाक छानी।

हरियाणा में बीजेपी को किया खड़ा


दरअसल, जब मोदी गुजरात की राजनीति से बाहर आए, तो उन्हें हरियाणा का प्रभारी बनाया गया। इस पद पर उन्होंने 1995 से लेकर 2000 तक यानी करीब छह साल काम किया। हर जिले में गए और संगठन को नया तेवर दिया। उन दिनों कांग्रेस, इनेलो और हरियाणा विकास पार्टी का बोलबाला था। उसमें बीजेपी को खड़ा करना खुद में ही एक बड़ी चुनौती थी।

उन्होंने बताया कि इन दोनों दिग्गज नेताओं ने कार्यकर्ताओं को संगठित किया। उनकी मेहनत का नतीजा था कि बीजेपी शहरी इलाके से निकलकर देहात में भी अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो पाई।

जमीन पर गद्दा बिछाकर सो जाते थे

ग्रोवर ने बताया कि उनको पलंग पर सोने तक की चाहत नहीं थी। वे जमीन पर ही गद्दा बिछाकर कर सो जाते थे। दिल्ली में रहते तब भी फरीदाबाद से सांसद रामचंद्र बैंदा के सरकारी आवास में गद्दा लगाकर सो जाते थे, कभी हमने नहीं देखा कि वे किसी होटल में कमरा बुक कर के ठहरे हों।

पूर्व मंत्री याद करते हैं, " हां कभी कभार भिवानी स्टैंड पर दाल तड़का खाने पहुंच जाते थे और अमूमन खुद ही अपना खाना बनाते थे और अगर खाना बच जाता था, तो उसे वेस्ट नहीं होने देते थे।

मोदी को मोरारी बापू की कथा सुनना था पसंद

उन्होंने बताया कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को मोरारी बापू की कथा सुनने का काफी चाव था और जब भी रोहतक में कथा होती था, तो वो दिल्ली से चलकर रोहतक पहुंच जाते और मुरारी बापू की कथा सुनते और बाद में मुझे खुद भी बोलते कि देखो मनीष मैं मुरारी बापू जैसा लग रहा हूं ना। मेरी दाढ़ी भी वैसी ही है और फिर खूब जोर से हंसते थे।

ग्रोवर ने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी जिस मुकाम पर पहुंची है, उसके पीछे उनकी पार्टी के असंख्य कार्यकर्ताओं और नरेंद्र मोदी का सालों का संघर्ष छिपा है।

साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई और नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने। तब BJP को पूरे देश में 31% वोट मिले और उसने 282 सीटें जीतीं, जबकि उसके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने कुल 336 सीटें जीतीं।

अबकी बार 400 पार के टारगेट के साथ उतरी BJP

इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में तो पार्टी ने रिकॉर्ड ही तोड़ दिया। भारतीय जनता पार्टी को 37.36% वोट मिले, जो 1989 के आम चुनाव के बाद से किसी भी राजनीतिक दल को मिलने वाला अब तक का सबसे ज्यादा वोट शेयर था। इसी के साथ पार्टी ने 303 सीटें जीतीं, जिससे उसका पर्याप्त बहुमत और बढ़ गया। इसके अलावा, BJP के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 353 सीटें जीतीं।

वहीं अब देश में एक बार फिर नई सरकार चुनने की प्रक्रिया जारी है और प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार NDA और BJP के लिए एक नया टारगेट सेट किया और वो है- अब की बार 400 पार, यानि वे इस बार NDA को 400 से ज्यादा सीट पर जिताना चाहते हैं।

रिपोर्ट: धीरेन्द्र चौधरी

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