मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को बताया कि उसने 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल करने की सुविधा दी है। अमृतपाल सिंह को पिछले साल अप्रैल में सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल अपने नौ साथियों के साथ फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। उसके पिता तरसेम सिंह का कहना है कि अमृतपाल चुनाव लड़ना नहीं चाहता था, लेकिन 'संगत' के कहने पर उसने अपना मन बदल लिया।
दरअसल अमृतपाल सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव का पर्चा दाखिल करने के लिए सात दिनों की अस्थाई रिहाई की मांग की। अमृतपाल ने पंजाब सरकार, चुनाव आयोग, डिब्रूगढ़ जेल के सुपरिटेंडेंट और पंजाब राज्य चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की है, ताकि वे चुनाव एजेंट की नियुक्ति के जरिए उसके नॉमिनेशन फाइल करने की व्यवस्था करें।
हालांकि, Live Law की रिपोर्ट के अनुसार, यह मानते हुए कि याचिका में की गई मांगों को पहले ही पूरा किया जा चुका है, जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने कहा कि याचिका "निरस्त" कर दी जाएगी।
अर्जुन श्योराण ने अदालत को बताया, नामांकन फॉर्म और दूसरे कागजी कार्रवाई के दो सेट 9 मई को अमृतपाल सिंह की ओर से भरे गए और साइन किए गए। उसे डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल, DGP पंजाब में अपने प्रस्तावक और वकील से मिलने की भी अनुमति दी गई।