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Lok Sabha Elections 2024: शरद पवार के बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल, क्या नतीजों के बाद कांग्रेस में होगा एनसीपी का विलय?

Maharashtra Lok Sabha Chunav 2024: एनसीपी नेता शरद पवार के इस बयान के कई मतलब निकाले जा रहे हैं कि लोकसभा चुनावों के बाद कई दलों का कांग्रेस में विलय हो जाएगा या वे कांग्रेस के करीब आ जाएंगी। लोकसभा चुनावों के बीच एनसीपी नेता का बयान कहीं कांग्रेस में एनसीपी (पवार) के विलय का संकेत तो नहीं है

MoneyControl Newsअपडेटेड May 10, 2024 पर 11:41 AM
Lok Sabha Elections 2024: शरद पवार के बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल, क्या नतीजों के बाद कांग्रेस में होगा एनसीपी का विलय?
83 साल के पवार अपने पॉलिटिकल करियर की सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं। पिछले साल उनके भतीजे अजीत पवार ने विद्रोह कर दिया। फिर, नई पार्टी बना ली। इसके बाद पवार के साथ सिर्फ कुछ मुट्ठीभर नेता रह गए हैं

एनसीपी नेता शरद पवार के एक बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल आ गया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनावों के बाद कई क्षेत्रीय पार्टियों का कांग्रेस में विलय हो जाएगा या वह कांग्रेस के करीब आ जाएंगी। लोकसभा चुनावों के बीच उनका यह बयान बहुत मायने रखता है। पवार देश के सबसे ज्यादा अनुभवी नेताओं में से एक हैं। उनके इस बयान के कई मतलब निकाले जा रहे हैं। आखिर पवार ने यह बयान क्यों दिया? क्या उनका इशारा कांग्रेस में एनसीपी के विलय से है? क्या शिवसेना पवार की इस सोच का समर्थन करेगी? आइए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं।

करियर के सबसे मुश्किल वक्त से गुजर रहे पवार

83 साल के पवार (Sharad Pawar) अपने पॉलिटिकल करियर की सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं। पिछले साल उनके भतीजे अजीत पवार (Ajit Pawar) ने विद्रोह कर दिया। फिर, नई पार्टी बना ली। इसके बाद पवार के साथ सिर्फ कुछ मुट्ठीभर नेता रह गए हैं। पार्टी टूटने का असर पवार के मनोबल पर पड़ा है। उधर, शुगर कोऑपरेटिव और बैंक जैसे फाइनेंशियल स्रोत अब अजीत पवार के कंट्रोल में आ गए हैं। ऐसे में पवार का बयान इस बात का संकेत हो सकता है कि लोकसभा चुनावों के बाद उन्होंने कांग्रेस में अपनी पार्टी के विलय के बारे में सोचा होगा। खासकर तब जब उन्होंने उसी इंटरव्यू में यह भी कहा है कि उनकी पार्टी और कांग्रेस की विचारधारा एक है। दोनों दलों का भरोसा गांधी-नेहरू के सिद्धांतों में है। पवार ने 1999 मे सोनिया गांधी के विदेशी मूल के होने पर पर सवाल उठाए थे। लेकिन, अब यह मसला बेमानी हो गया है।

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