Lok Sabha Exit Poll 2024 Results: लोकसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल के नतीजे मतदान के आखिरी चरण के बाद आने वाले हैं। हालांकि वोटों की गिनती 4 जून को होगी। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, टेलीविजन चैनल और समाचार आउटलेट आज (1 जून) शाम 6.30 बजे के बाद एग्जिट पोल डेटा और इसके नतीजे दिखा सकेंगे। एग्जिट पोल से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 18वें आम चुनाव में भारत ने किस पार्टी को मतदान किया। अब तक प्रशांत किशोर और योगेंद्र यादव जैसे राजनीतिक विश्लेषकों ने लोकसभा चुनाव 2024 के चुनावी नतीजों के लिए अपनी भविष्यवाणियां की हैं, जिससे उत्सुकता और बढ़ गई है।
इस बीच, समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ी भविष्यवाणी कर दी है। अखिलेश यादव ने शनिवार को दावा किया किय भारतीय जनता पार्टी (BJP) 140 से आगे नहीं जाएगी। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने भरोसा जताया है कि विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. ब्लॉक केंद्र में सरकार बनाएगा। न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा, "400 पार का क्या मतलब है? सच तो यह है कि जो समुद्र की तरफ मुंह करके बैठा है, उसने जनता से मुंह मोड़ लिया है...वे 140 से आगे नहीं जाएंगे।"
बता दें कि लोकसभा सीटों के मामले में उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। कहा जाता है कि दिल्ली की कुर्सी का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही होकर गुजरता है। यानी जिसने यूपी में सबसे अधिक सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया, समझ लो दिल्ली की सत्ता उसके हाथ में आ जाती है। यूपी में सभी 7 चरणों में आम चुनाव हुए हैं। पहला चरण 19 अप्रैल को हुआ। जबकि तो सातवें और अंतिम चरण के तहत 1 जून को 13 सीटों पर वोटिंग चल रही है। अब 4 जून को नतीजों का इंतजार है। राज्य की सभी सीटों पर बीजेपी और सपा के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें तय करती हैं कि देश की सत्ता में कौन काबिज होगा? यह भी तय करती हैं कि आने वाले भविष्य में कौन गठबंधन कहां तक आगे जाएगा और कहां जाकर गिरा दिखाई देगा। 2019 में NDA को 64 सीटें मिली थीं। बीजेपी ने 62 (2014 में 71) और अपना दल (एस) ने दो सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि बीएसपी ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, समाजवादी पार्टी को 5 सीटें मिली थीं। जबकि कांग्रेस ने एक सीट रायबरेली में जीत हासिल की थी।
गोरखपुर संसदीय सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीधी प्रतिष्ठा से जुड़ा है, जहां से योगी लगातार पांच बार सांसद रह चुके हैं। अब तक दो उप चुनावों (1970 और 2018) समेत कुल 19 बार हुए चुनावों में गोरखपुर सीट पर योगी के अलावा चार बार उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ और एक बार गुरु महंत दिग्विजय नाथ सांसद रह चुके हैं। योगी गोरखपुर शहर के विधायक और प्रसिद्ध गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं।
कांग्रेस की हालत 'करो या मरो' जैसी
उत्तर प्रदेश को एक समय कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता था। अमेठी और रायबरेली निर्वाचन क्षेत्रों ने हमेशा गांधी-परिवार के लोगों को संसद भेजा। हालांकि, कांग्रेस अब लोकसभा में केवल एक सांसद और 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधान सभा में केवल दो विधायक तक सिमट कर रह गई है। इस लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में करो या मरो की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी में आत्मविश्वास और नेतृत्व की कमी है, साथ ही उम्मीदवार भी नहीं मिल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में फिलहाल कांग्रेस का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यूपी में 6.36 फीसदी वोट मिले थे। इन चुनावों में सबसे बड़ा झटका यह था कि पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को अमेठी में हार का सामना करना पड़ा, जहां पिछले चुनाव में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की जीत हुई थीं।
कार्यकर्ता निराशा में डूब गए और 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में पार्टी का वोट शेयर घटकर मात्र 2.33 प्रतिशत रह गया। अगर इस बार पार्टी का प्रदर्शन और गिरता है तो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का कोई प्रतिनिधित्व नहीं रह जाएगा। यह एक ऐसा राज्य है, जिसने देश को 9 प्रधानमंत्री दिए हैं।