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Exclusive: कंगना का कांग्रेस कनेक्शन! हिमाचल के विधायक रहे परदादा, पिता के राजनीति में रहने पर मां आशा रनौत ने दिया ये जवाब

Loksabha Election 2024: कंगना की मां आशा रनौत से भी Moneycontrol Hindi ने फोन पर संपर्क किया मुख्यमंत्री सुक्खू के इस दावा को लेकर जब हमने छानबीन करने की कोशिश की। कंगना रनौत के परदादा सरजू सिंह हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य जरूर रहे हैं। बड़ी बात ये है कि उनके दादा कांग्रेस के टिकट पर भी विधायक बने थे

अपडेटेड Mar 27, 2024 पर 1:32 PM
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Loksabha Election 2024: कंगना रनौत के परदादा सरजू सिंह कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश के विधायक रहे हैं

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मंडी (Mandi) से भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। तब से ही राजनीतिक गलियारों में एक हलचल मची है। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के सोशल मीडिया अकाउंट से उन्हें लेकर आपत्तिजनक पोस्ट किए जाने के बाद से कंगना और भी ज्यादा सुर्खियों में हैं। इस पूरे मामले में एक मोड़ तब आया, जब खुद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने दावा किया कि कंगना के पिता कभी कांग्रेस के ही नेता रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "कंगना रनौत हिमाचल की बेटी हैं। उनके माता-पिता यहां रहते हैं। उनके पिता को मंडी में कांग्रेस ने अपना महासचिव बनाया था।" अब कई हलकों में ये बहस छिड़ गई है क्या ये सच है? क्या कंगना रनौत के परिवार का कांग्रेस से कोई जुड़ाव या राजनीतिक संबंध रहा या नहीं?

कांगना के पिता कांग्रेस नेता?


मुख्यमंत्री सुक्खू के इस दावा को लेकर जब हमने छानबीन करने की कोशिश की। तो हमें पता चला कि कंगना के पिता अमरदीप रानौत कांग्रेस के साथ एक्टिव और बड़े नेता की तरह तो कभी शामिल नहीं रहे, लेकिन सूत्रों से ये भी पता चला है कि ब्लॉक स्तर वे पार्टी पद पर रहे हैं।

हालांकि, ये पूरी तरह मालूम नहीं चल पाया कि वह पार्टी के किस पद पर थे। अमरदीप रानौत एक बिजनेसमैन हैं। उनका हिमाचल प्रदेश में स्टोन क्रेशर का बिजनेस है।

यही जानने के लिए Moneycontrol Hindi ने कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की मां आशा रनौत से भी फोन पर संपर्क किया। इस दौरान उन्होंने कहा इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

आशा रनौत ने कहा, "ये सब मेरे पति को ही मालूम है। मेरी शादी के बाद से अब तक तो वे किसी पार्टी से जुड़े नहीं रहे हैं और शादी से पहले का मुझे मालूम नहीं है।"

परदादा रहे कांग्रेस के विधायक

कंगना रनौत के पिता कांग्रेस नेता थे या नहीं इसकी पुख्ता तौर पर भले ही कोई जानकारी न हो, लेकिन उनके परदादा सरजू सिंह हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य जरूर रहे हैं। बड़ी बात ये है कि उनके दादा कांग्रेस के टिकट पर भी विधायक बने थे।

सरजू सिंह ने 1951 में कांग्रेस के टिकट पर भामला से विधानसभा चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार कांशी नाथ उर्फ ​​कांशी राम को 67 वोटों से हराया था।

सरजू सिंह को 1376 वोट मिले थे और कांशी राम को 1309 वोट हासिल हुए थे। कंगना के परदादा को तब 24.77 फीसदी वोट मिला था।

इस बारे में भी हमने कंगना की मां आशा रनौत से जब जानना चाहा, तो उन्होंने कहा, "ये तो काफी पुरानी बात है। इसलिए मुझे इस बारे में इतना कुछ पता नहीं है। ये सब मेरे पति ही बता पाएंगे। उनको (सरजू सिंह) को लेकर मुझे ज्यादा मालूम नहीं है।"

इसकी तस्दीक के लिए Moneycontrol Hindi ने एक Exclusive तस्वीर भी हासिल की है। ये तस्वीर हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 1954 के बजट सत्र की है। इसमें कंगना रनौत के परदादा और कांग्रेस विधायक सरजू सिंह भी नजर आ रहे हैं।

ये तस्वीर हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 1954 के बजट सत्र की है। इसमें कंगना रनौत के परदादा और कांग्रेस सरजू सिंह भी नजर आ रहे हैं ये तस्वीर हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 1954 के बजट सत्र की है। इसमें कंगना रनौत के परदादा और कांग्रेस  के विधायक सरजू सिंह भी नजर आ रहे हैं (Photo-Subhash Mahajan)

तब हिमाचल प्रदेश में कुल 36 विधानसभा सीट थीं। इस चुनाव में कांग्रेस के खाते में 24 सीट गई थीं। आठ सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी और बाकी सीट अन्य के खाते में गई थीं।

आशा रनौत की बातों से ये भी झलकता है कि रनौत परिवार शायद इस पूरे मुद्दे पर फिलहाल कुछ नहीं कहना चाहता है। खासकर के कांग्रेस से उनके जुड़ाव से वह बचना चाहते हैं। खुद कंगना भी ऐसे संकेत दे चुकी हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस के दोनों नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की उनकी योजना है? इस पर कंगना ने कहा कि BJP अध्यक्ष जे पी नड्डा ने उन्हें दिल्ली बुलाया है और वह उनसे मुलाकात करने के बाद ही जवाब देंगी। कंगना फिलहाल दिल्ली में ही हैं।

कांग्रेस से जुड़ा रहा रनौत परिवार

हिमाचल प्रदेश के कई राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार सुभाष महाजनल इस पूरे मामले को चुनाव से जोड़कर भी देख रहे हैं। उनका मानना है कि अब कांग्रेस भी इस कोशिश में लगी है कि किसी तरह कंगना कांग्रेस कनेक्शन निकाला जाए।

दूसरी ओर कई लोगों का ये भी कहना है कि इसमें कोई शक नहीं है कि कंगना का पुश्तैनी झुकाव कांग्रेस की तरफ ही रहा है और उनके बड़े बुजुर्ग कांग्रेस के समर्थक रहे हैं। इसके पीछे वो सरजू सिंह को एक अहम कारण बताते हैं।

दरअसल कंगना रनौत और मंडी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियों के बाद कांग्रेस निशाने पर है, क्योंकि ये टिप्पणियां पार्टी की नेता सुप्रिया श्रीनेत और एच.एस. अहीर के सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट की गई थीं।

सुप्रिया श्रीनेत की सफाई

विवाद पैदा होने पर कांग्रेस प्रवक्ता श्रीनेत ने सोमवार को अपने बचाव में कहा कि उनके फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट कई लोग ऑपरेट करते हैं और उनमें से ही किसी ने गलत पोस्ट किया है।

उन्होंने कहा, "जैसे ही मुझे पता चला मैंने वो पोस्ट हटा दी। जो लोग मुझे जानते हैं, वे यह भी अच्छी तरह जानते हैं कि मैं कभी भी किसी महिला के प्रति व्यक्तिगत और अशोभनीय टिप्पणी नहीं कर सकती। मैं जानना चाहती हूं कि यह कैसे हुआ।" श्रीनेत ने यह भी कहा कि उनके नाम का इस्तेमाल करने वाले फर्जी अकाउंट के खिलाफ वह कार्रवाई करेंगी।

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