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Loksabha Elections 2024: बीजेपी ने मैसूर शाही परिवार के यदुवीर चामराजा वाडियार को दिया टिकट, जानिए कौन हैं यदुवीर

Loksabha Elections 2024: BJP ने यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार को टिकट देकर बड़ा दांव खेला है। उसे उम्मीद है कि इससे उसे मैसूर इलाके में पैर जमाने में मदद मिलेगी, जो कांग्रेस का गढ़ रहा है। यदुवीर को 2015 में 600 साल पुराने वाडियार राजवंश के नए महाराजा का ताज पहनाया गया था

अपडेटेड Mar 14, 2024 पर 1:50 PM
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यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार ने अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया है।

Loksabha Elections 2024BJP ने 13 मार्च को कर्नाटक की लोकसभा की 20 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया। इनमें यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार (Yaduveer Krishnadatta Chamaraja Wadiyar) का नाम भी है। वह मैसूर शाही परिवार (Mysore Royal Family) के प्रमुख हैं। भाजपा ने उन्हें मैसूर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। अभी इस सीट से प्रताप सिम्हा सांसद हैं। लेकिन, भाजपा ने उनका टिकट काट दिया है। यदुवीर को टिकट देकर भाजपा ने कर्नाटक में बड़ा दांव खेला है। हालांकि, मैसूर के शाही परिवार का नाता राजनीति से रह चुका है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

मैसूर के शाही परिवार का राजनीति से रह चुका है नाता

इससे पहले मैसूर के शाही परिवार के श्रीकांतदत्त नरसिम्हराजा (SDNR) वाडियार 1984 से 2004 के बीच BJP और Congress के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने पांच बार चुनाव लड़ा था। इनमें से चार बार उनकी जीत हुई थी। भाजाप के टिकट पर उन्होंने एक बार चुनाव लड़ा था, जिसमें उनकी हार हुई थी। श्रीकांत नरसिम्हराजा वाडियार के 2013 में निधन के बाद प्रमोद देवी वाडियार ने यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार को गोद लिया था।


2016 में नए महाराजा का मिला था ताज

Loksabha Elections 2024: 23 साल की उम्र में 2015 में उन्हें 600 साल पुराने वाडियार राजवंश के नए महाराजा का ताज पहनाया गया था। सूत्रों ने बताया कि बीजेपी कुछ समय से यदुवीर को चुनाव लड़ने के लिए मनाने की कोशिश कर रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार मैसूर में शाही परिवार के सदस्यों से मिल चुके हैं। पिछले साल कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने भी शाही परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी।

भाजपा ने मैसूर इलाके में पैर जमाने के लिए खेला दांव

सूत्रों ने बताया कि यदुवीर को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मनाने के वास्ते बीजेपी ने उनके श्वसुर और राजस्थान के भाजपा नेता हर्षवर्द्धन सिंह की मदद ली। सिंह का संबंध डूंगरपुर शाही परिवार से है। भाजपा का मानना है कि यदुवीर के जरिए उसे मैसूर इलाके में पैर जमाने का मौका मिल सकता है। यह इलाका कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। यह कांग्रेस नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया का गृह जिला भी है।

सिम्हा टिकट कटने पर भावनात्मक नजर आए

मैसूर से सांसद सिम्हा को अपना टिकट कटने का अंदेशा था। 11 मार्च को वह फेसबुक लाइव के दौरान वह भावनात्मक हो गए। उन्होंने पत्रकार से राजनेता बनने के अपने सफर का जिक्र किया। उन्होंने भाजपा के प्रति वफादार बने रहने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर यदुवीर जीत जाते हैं तो उम्मीद है कि शाही परिवार राज्य सरकार के खिलाफ दशकों से कोर्ट में चल रहे मामलों को वापस ले लेगा। सिम्हा का नाम तब सुर्खियों में आया था जब दिसंबर 2023 में दो लोग सुरक्षा में सेंध लगाकर संसद में घुसने में कामयाब हो गए थे। उनके विजिटर्स पास पर सिम्हा के हस्ताक्षर पाए गए थे।

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