Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में दांव पर लगी इन दिग्गजों की किस्मत
Loksabha Election 2024: दूसरे चरण में, 26 अप्रैल को 12 राज्यों और 1 केंद्रशासित प्रदेश को कवर करते हुए कुल 89 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होना है। इस फेज में कई बड़े दिग्गजों की किस्मत दांव पर लगी है। इसमें सबसे बड़ा नाम कांग्रेस नेता राहुल गांधी, बीजेपी की हेमा मालिनी, टीवी कलाकार और रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल का है
Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में दांव पर लगी इन दिग्गजों की किस्मत
Loksabha Elections 2024: देश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) की शुरुआत हो चुकी है। 19 अप्रैल को पहले चरण में 102 लोकसभा सीटों पर मतदान कराया गया। अब तैयारी है, अगले यानि दूसरे चरण (Second Phase) की, जहां 13 राज्यों की 89 संसदीय सीटों पर वोटिंग होगी। 19 अप्रैल को 18वीं लोकसभा चुनाव के पहले चरण में पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 81.91 प्रतिशत मतदान के साथ कुल मिलाकर 62 प्रतिशत वोटिंग हुआ।
दूसरे चरण में बिहार की पांच, छत्तीसगढ़ की तीन, कर्नाटक की 14, मध्य प्रदेश की सात, उत्तर प्रदेश की आठ, पश्चिम बंगाल की तीन, महाराष्ट्र की आठ , राजस्थान की 13, मणिपुर की एक, केरल की 20, त्रिपुरा की एक, जम्मू और कश्मीर की एक और असम की पांच सीटों पर वोट डाले जाएंगे।
चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के दूसरे चरण में भाग लेने वाले 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 88 संसदीय क्षेत्रों के लिए कुल 2,633 नामांकन हासिल हुए। हाल ही में एक घोषणा में, चुनाव आयोग ने खुलासा किया कि 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1,206 उम्मीदवार, साथ ही आउटर मणिपुर से 4 उम्मीदवार इस चरण में चुनाव लड़ेंगे।
कई बड़े दिग्गजों की किस्मत लगी दांव पर
इस फेज में कई बड़े दिग्गजों की किस्मत दांव पर लगी है। इसमें सबसे बड़ा नाम कांग्रेस नेता राहुल गांधी, बीजेपी की हेमा मालिनी, टीवी कलाकार और रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल का है। चलिए डालते हैं एक नजर:
राहुल गांधी (वायनाड)
कांग्रेस सांसद और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी दक्षिणी क्षेत्र की वायनाड लोकसभा सीट से अपनी दूसरी जीत के लिए कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, इस बार गांधी के लिए मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद है। बीजेपी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन को मैदान में उतारा है, जबकि सत्तारूढ़ वाम दल ने एनी राजा को गांधी के खिलाफ दावेदार के रूप में आगे बढ़ाया है।
2019 के चुनावों में, अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से 55,000 से ज्यादा वोट के बहुत बड़े अंतर से हारने के बाद गांधी वायनाड चले गए थे।
वायनाड में, गांधी ने CPI के पीपी सुनीर के खिलाफ 706,367 वोट हासिल किए और 7 लाख से ज्यादा वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की। वायनाड से चुनाव लड़ने का गांधी का निर्णय केवल इसलिए नहीं था, क्योंकि वो अमेठी में हार गए थे, बल्कि इसलिए भी क्योंकि यह सीट 2009 के लोकसभा चुनावों के बाद से कांग्रेस का गढ़ रही है।
हेमा मालिनी (मथुरा)
प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री, निर्देशक, निर्माता और राजनीतिज्ञ हेमा मालिनी 2014 से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट से लोकसभा में मथुरा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
क्योंकि उनका टारगेट तीसरी बार फिर से चुनाव लड़ना है, इसलिए उनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस इकाई के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश धनगर से है।
2019 के लोकसभा चुनाव में हेमा मालिनी ने मथुरा सीट पर बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने लगभग 5,30,000 वोट हासिल किए और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के कुंवर नरेंद्र सिंह को 2,93,000 से ज्यादा वोटों के बड़े अंतर से हराया।
उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े निर्वाचन क्षेत्र में स्थित मथुरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में मथुरा जिले के पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। यह हाल के सालों में BJP के गढ़ के रूप में उभरा है। पार्टी ने 2014 और 2019 दोनों चुनावों में जीत हासिल की है।
शशि थरूर (तिरुवनंतपुरम)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर 2009 से लगातार तिरुवनंतपुरम सीट जीत रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के पूर्व राजनयिक, थरूर केरल में सबसे लोकप्रिय कांग्रेस नेताओं में से एक हैं। अक्टूबर 2022 में कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने और हारने के बाद भी उनकी प्रतिष्ठा और बढ़ गई। यहां तक कि 2014 के चुनावों के दौरान भी थरूर अपनी सीट बरकरार रखने में कामयाब रहे। ये चुनाव उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर के निधन के बाद सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक था।
इस बार थरूर का मुकाबला केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर से है, दोनों अपनी-अपनी पार्टियों के दिग्गज दावेदार हैं। हालांकि, सवाल यह है कि क्या थरूर अपनी चौथी जीत हासिल करेंगे?
2019 के लोकसभा चुनाव में, शशि थरूर ने तिरुवनंतपुरम में लगभग 99,989 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। उन्होंने लगभग 4,08,000 वोट हासिल किए और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कुम्मनम राजशेखरन को हराया, जिन्हें लगभग 3,08,000 वोट मिले थे।
भूपेश बघेल (राजनांदगांव)
कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री, भूपेश बघेल, जिन्होंने पिछले साल के विधानसभा चुनावों में पार्टी को जीत दिलाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन असफल रहे, अब एक विकट चुनौती का सामना कर रहे हैं। बघेल को पार्टी ने राजनांदगांव लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकित किया है, जो तीन दशकों से ज्यादा समय से बीजेपी का गढ़ रही है और तीन बार के पूर्व सीएम रमन सिंह का क्षेत्र माना जाता है।
राजनांदगांव ऐतिहासिक रूप से बीजेपी का गढ़ रहा है, सिर्फ 2000 में राज्य के गठन के बाद से एक बार छोड़कर बीजेपी ने यहां जीत हासिल की है।
हालांकि, भगेल ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन बीजेपी के इस गढ़ में उनकी उम्मीदवारी से यह जिज्ञासा पैदा होती है कि क्या वो लंबे समय तक विपक्ष के प्रभाव वाले क्षेत्र में कांग्रेस के लिए जीत सुनिश्चित कर सकते हैं।
गजेंद्र सिंह शेखावत (जोधपुर)
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जो जोधपुर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद हैं, इस बार हैट्रिक बनाने की कोशिश में हैं। उन्हें ऐसा करने से रोकने के मकसद से कांग्रेस ने करण सिंह उचियारड़ा को मैदान में उतारा है।
2014 और 2019 दोनों लोकसभा चुनावों में, गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोधपुर में कांग्रेस की चंद्रेश कुमारी पर जीत हासिल करते हुए लगातार दो बार जीत हासिल की, जो एक महत्वपूर्ण बदलाव था, क्योंकि बीजेपी ने पारंपरिक रूप से कांग्रेस के कब्जे वाली सीट पर सफलतापूर्वक कब्जा जमा लिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोधपुर लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की।
उन्होंने लगभग 8,30,000 वोट हासिल किए और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के वैभव गहलोत को हराया, जिन्हें लगभग 6,05,000 वोट मिले थे। इसलिए, शेखावत लगभग 2,25,000 वोटों के अंतर से जीते।
अरुण गोविल (मेरठ-हापुड़)
इस लिस्ट में एक बड़ा अरुण गोविल का भी है, जो पहले लोकसभा चुनाव के मैदान में हैं। बड़ी बात ये है कि पार्टी ने अपने तीन बार के सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काट कर रामायण में भगवान राम की भूमिका निभाने वाले गोविल पर भरोसा जताया है। पार्टी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मुद्दे के जरिए अरुण गोविल की प्रभु की 'राम' छवि को भुनाना चाहती है और खुद गोविल भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि उनकी इसी छवि चलते पार्टी उन्हें टिकट दिया है।
यह निर्वाचन क्षेत्र, जो 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का भी केंद्र रहा है, पिछले दो आम चुनावों से BJP का गढ़ रहा है। दोनों चुनावों में बीजेपी के राजेंद्र अग्रवाल ने एक बार BSP और एक बार SP के खिलाफ भारी जीत हासिल की है।
2019 में, राजेंद्र अग्रवाल ने BSP के हाजी मोहम्मद याकूब और कांग्रेस के हरेंद्र अग्रवाल के खिलाफ सीट जीती। राजेंद्र अग्रवाल ने मेरठ से 5.86 लाख से ज्यादा वोटों और 48.2 प्रतिशत वोट शेयर से जीत हासिल की।
इससे पहले, 2014 में, अग्रवाल ने कुल 5.32 लाख से ज्यादा वोटों और 47.9 प्रतिशत वोट शेयर से सीट जीती थी। BSP के शाहिद अखलाक इस मुकाबले में तीन लाख से ज्यादा वोट हासिल कर दूसरे नंबर पर रहे।