Loksabha Elections 2024: मतुआ समुदाय की बहुलता वाले पश्चिम बंगाल के ठाकुरनगर में सियासी पारा बढ़ गया है। इसकी वजह इस सीट को लेकर राजनीतिक जंग है। यहां से BJP ने शांतनु ठाकुर को टिकट दिया है। उधर, तृणमूल (TMC) ने ममता बाला ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है। ममता बाला राज्यसभा सांसद हैं। दोनों उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच 7 अप्रैल को टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी। इसके केंद्र में मतुआ समुदाय की पुरोधा रही बीनापानी देवी का एक मकान है। बीनापानी देवी का पांच साल पहले हो गया था। उन्हें इस इलाके में सभी 'बड़ो मां' कहते थे। असल लड़ाई बड़ो मां के मकान के नियंत्रण के लिए है।
शांतनु ठाकुर पर मकान में जबरन घुसने का आरोप
टीएमसी के मुताबिक, 7 अप्रैल की रात शांतनु अपने समर्थकों के साथ बड़ो मां के मकान पर कब्जे के लिए पहुंच गए। अभी इस घर में ममता बाला रहती हैं। शांतनु ठाकुर बड़ो मां के पोता हैं, जबकि ममता बाला उनकी बहू हैं। इस तरह शांतनु और ममता बाला का संबंध चाची-भतीजे का है। ठाकुरनगर नॉर्थ 24 परगना जिले में है। शांतनु की दलील है कि इस प्रॉपर्टी पर उनका हक है, लेकिन ममता बाला ने इस पर गैरकानूनी कब्जा कर लिया है। उन्होंने इस मकान के एक हिस्से को टीएमसी का ऑफिस भी बना दिया है।
2019 में शांतनु ठाकुर की हुई थी जीत
राज्यसभा सांसद ममता बाला ने शांतनु की दलीलों को खारिज किया है। उन्होंने शांतनु के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने खुद इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया है कि शांतनु ठाकुर और उनके समर्थकों के खिलाफ उन्होंने अपने घर में जबर्दस्ती घुसने का मामला दर्ज कराया है। 2019 के लोकसभा चुनावों में इस सीट से शांतनु ठाकुर की जीत हुई थी। उन्होंने ममता बाला को हराया था। ममता बाल को मतुआ समुदाय का बड़ा नेता माना जाता है।
प्रॉपर्टी पर कब्जे को लेकर दोनों उम्मीदवारों के बीच टकराव
पश्चिम बंगाल राज्य के भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने पूछा है कि क्यों सिर्फ ममता बाला को बड़ो मां के घर में रहने का अधिकार है? उन्होंने बताया कि इस परिवार में दो शाखाएं हैं। ऐसा लगता है कि इस प्रॉपर्टी पर अधिकार को लेकर मामला जल्द खत्म होने वाला नहीं है। मजूमदार का यह भी कहना है कि ममता बाला इस प्रॉपर्टी पर जबर्दस्ती अपना हक जता रही हैं। इस प्रॉपर्टी पर शांतनु ठाकुर का भी उतना ही हक है, जितना ममता बाला का है।
ठाकुरनगर सीट पर मतुआ समुदाय का प्रभाव
बीनापानी देवी (बड़ो मां) का निधन 2019 में हुआ था। उनके पति का नाम प्रमथा रंजन ठाकुर था। वह मतुआ समुदाय के संस्थापक हरिचंद ठाकुर के परपोता थे। राजनीति के जानकारों का कहना है कि मतुआ समुदाय का इस इलाके में अच्छा असर है। इस इलाके में मतुआ समुदाय के बीच पैठ बनाने की कोशिश राजनीतिक दल करते रहे हैं।
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