Loksabha Elections 2024: YSR Congress प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने जुलाई 2017 में प्रशांत किशोर को अपना राजनीतिक रणनीतिकार घोषित किया था। उनका मकसद चंद्रबाबु नायडू की TDP को आंध्र प्रदेश की सत्ता से उखाड़ फेंकना था। किशोर की सलाह पर रेड्डी ने 15 महीने लंबी पदयात्रा की। इसका मकसद मतदाताओं की नब्ज जानना था। किशोर की 400 लोगों की टीम ने सड़कों और सोशल मीडिया पर रेड्डी के पक्ष में हवा बनाने की कोशिश की। 2019 में हुए विधानसभा चुनावों का नतीजा रेड्डी के पक्ष में आया। चुनावों में रेड्डी ने शानदार जीत की। टीडीपी का सफाया हो गया। लेकिन, आज पासा पलट गया है। किशोर और रेड्डी के मंत्रियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
आंध्र प्रदेश में इस बार विधानसभा के भी चुनाव
आंध्र प्रदेश उन 4 राज्यों में से एक है, जहां लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा के भी चुनाव हो रहे हैं। इस बार आंध्र मं रेड्डी का मुकाबले नायडू से हैं, जो एनडीए में शामिल हो गए हैं। रेड्डी और प्रशांत किशोर के बीच के रिश्ते तो पिछले कई सालों से खराब हैं। लेकिन, ताजा मामला आंध्र प्रदेश के चुनावी नतीजों को लेकर किशोर के अनुमान से जुड़ा है। आंध्र में 13 मई को मतदान होने वाले हैं। उस दिन राज्य के मतदाता लोकसभा और विधानसभा दोनों के लिए वोटिंग करेंगे। किशोर ने चुनावों में इस बार रेड्डी की हार का अनुमान जताया है।
किशोर के पूर्वानुमान पर आगबबूला हुए रेड्डी के मंत्री
किशोर ने यहां तक कहा है कि इस बार आंध्र में न सिर्फ रेड्डी के हाथ से सत्ता निकल जाएगी बल्कि उनकी करारी हार होगी। किशोर का मानना है कि इसकी वजह रेड्डी की रेवड़ियां बांटने की पॉलिसी है। किशोर का यह पूर्वानुमान रेड्डी सरकार के मंत्रियों को पंसद नहीं आया है। रेड्डी की पार्टी से राज्यसभा सांसद वी विजयसाई रेड्डी ने किशोर के पूर्वानुमान पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने यहां तक कहा है कि नायडू के साथ मीटिंग के बाद किशोर के सुर बदल गए हैं। आंध्र के उद्योग मंत्री जी अमरनाथ ने कहा है कि आंध्र के लोगों की सोच से किशोर की राय मेल नहीं खाती।
बिहार में पदयात्रा पर हैं किशोर
उन्होंने किशोर की अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा का जिक्र किया। किशोर पिछले कई महीनों से बिहार की पदयात्रा कर रहे हैं। वह राज्य के लोगों को राजनीतिक रूप से जागरूक बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि जाति आधारित राजनीति के चंगुल से बिहार के लोगों को निकलने की जरूरत है। वह मतदाताओं से पूछते हैं कि बिहार में सबकुछ है फिर यह राज्य देश में सबसे पिछड़ा क्यों हैं।
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