आखिर मुंबई दक्षिण की लोकसभा सीट क्यों है खास, इस सीट के समीकरण में कौन सा उम्मीदवार आगे दिख रहा है?

मुंबई में लोकसभा की कुल 6 सीटों में मुंबई दक्षिण सबसे खास है। यहीं वजह है कि महाविकास अगाड़ी में सीट शेयरिंग के दौरान इस सीट को लेकर शिवसेना (उद्धव) और कांग्रेस के बीच खींचतान दिखी थी। उधऱ, राज्य में सत्ताधारी गठबंधन के घटक बीजेपी और शिवसेना (शिंदे) के बीच इस सीट के लिए खूब जोरआजमाइश हुई थी

अपडेटेड May 14, 2024 पर 12:45 PM
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मुंबई दक्षिण सीट को कई बातें खास बनाती हैं। इनमें गेटवे ऑफ इंडिया, मरीन ड्राइव, रेलवे का सीएसएमटी और बीएसई शामिल हैं।

मुंबई दक्षिण सीट को कई बातें खास बनाती हैं। इनमें गेटवे ऑफ इंडिया, मरीन ड्राइव, रेलवे का सीएसएमटी और बीएसई शामिल हैं। ये सभी इसी सीट के तहत आते हैं। यही नहीं इस सीट की एक खासियत यह भी है कि यहां एक तरह कल्बादेवी और भुलेश्वर जैसे हिंदू बहुल इलाके हैं तो दूसरी तरफ मुस्लिम बहुल भिंडी बाजार, पैधोनी और मस्जिद बंदर जैसे इलाके हैं। यहां कुल मतदाताओं में मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी करीब 25 फीसदी है। सीट बंटवारे के दौरान राजनीतिक दलों के बीच मुंबई दक्षिण को लेकर काफी खींचतान देखने को मिली थी।

MVA में इस सीट को लेकर सहयोगी दलों में खींचतान

महाविकसा अगाड़ी (MVA) में कांग्रेस का जोर इस सीट को अपने खाते में हासिल करने पर था। उसकी दलील थी कि इस सीट के तहत आने वाले इलाकों में उसकी मजबूत पैठ रही है। उधर, शिवसेना (उद्धव) (Shiv Sena Udhav)का मानना था कि चूंकि इस सीट पर उसे पिछले लोकसभा चुनाव में जीत मिली थी, इसलिए यह सीट उसके खाते में जानी चाहिए। पिछले दो लोकसभा चुनाव में शिवसेना (उद्धव) के अरविंद सावंत इस सीट से उम्मीदर रह चुके हैं। अभी वह इस सीट से सांसद हैं। आखिरकार यह सीट शिवसेना (उद्धव) के खाते में गई। यहां से तीसरी बार सावंत चुनाव लड़ रहे हैं।


कांग्रेस के दावा छोड़ने के बाद मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस छोड़ दी

इस सीट पर अपना दावा छोड़ने के फैसले ने दिग्गज नेता मिलिंद देवड़ा को नाराज कर दिया था। इस सीट से 2004 और 2009 से जीत हासिल करने वाले देवड़ा ने कांग्रेस के फैसले के बाद कांग्रेस को छोड़ शिवसेना (एकनाथ शिंदे) का दामन थाम लिया था। उधर, बीजेपी और शिवसेना (शिंदे) के बीच भी इस सीट को लेकर जोरआजमाइश देखने को मिली थी। बीजेपी इस सीट पर दो बार जीत हासिल कर सकी है।

बीजेपी इस सीट से राहुल नार्वेकर को टिकट देना चाहती थी

बीजेपी के जयवंतीबेन मेहता ने 1996 और 1999 में मुंबई दक्षिण सीट जीती थी। बीजेपी इस बार महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाना चाहती थी। लेकिन, लंबी बातचीत के बाद यह सीट शिवसेना (शिंदे) के खाते में गई। उसने यामिनी जाधव को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। अभी यामिनी बैकुल सीट से विधायक हैं। 2020 से यामिनी और उनके पति यशवंत जाधव इनकम टैक्स रिटर्न में गड़बड़ी को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के रडार पर रहे हैं।

यामिनी जाधव और उनके पति ने शिवसेना शिंदे गुट का थामा दामन

ईडी ने दोनों के खिलाफ फेमा उल्लंघन के मामले की जांच शुरू की थी। 2022 में एकनाथ शिंदे के विद्रोह और शिवसेना नाम से अलग पार्टी खड़ी करने पर दोनों उनके साथ आ गए। अब इस सीट पर मुकाबला शिवसेना के दो धड़ों के बीच है। अरविंद सावंत को महाअगाड़ी का उम्मीदवार होने के नाते कांग्रेस का समर्थन हासिल है। यह माना जाता है कि 2019 में महाअगाड़ी का हिस्सा बनने के बाद से उद्धव ठाकरे का रुख मुस्लिम समुदाय के प्रति बदला है।

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मुंबई साऊथ सीट के मतदाताओं में मुस्लिम समुदाय की बड़ी हिस्सेदारी

हालांकि, उद्धव अब भी हिंदुत्व को अपनी पार्टी की विचारधारा के केंद्र में मानते हैं लेकिन उन्होंने पार्टी के मुखपत्रा 'सामना' में शायद ही कभी मुस्लिम समुदाय के बारे में कुछ खराब लिखा है। कोविड के दौरान बतौर मुख्यमंत्री उद्धव के प्रदर्शन की तारीख मुस्लिम समुदाय कर चुका है। इस सीट पर किसी मुस्लिम उम्मीदवार के नहीं खड़ा होने से भी सावंत का पलड़ा भारी दिखता है। उधर, यामिनी जाधव को बीजेपी और राज ठाकरे के समर्थन का भरोसा है। यह लोकसभा की मुंबई की उन छह सीटों में से एक है जहां 20 मई को वोटिंग होने वाली है।

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