प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि सामाजिक-आर्थिक सर्वे का पार्टी का प्रस्ताव निजी संपत्ति के अधिकार को खतरा है और इससे माओवादी विचारधारा की बू आती है। न्यूज18 नेटवर्क (News18 Network) के ग्रुप एडिटर इन चीफ राहुल जोशी, न्यूज18 कन्नड़ के एडिटर हरिप्रसाद और न्यूज18 लोकमत के एंकर विलास बडे़ को दिए इंटरव्यू में मोदी ने जाति जनगणना समेत कांग्रेस के घोषणा पत्र पर विस्तार से बात की।
प्रधानमंत्री मोदी का कहना था कि अगर मौजूदा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आती है, तो यह धन का फिर से बंटवारा करने के लिए सर्वे कराएगी। प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी से पहले कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने जाति जनगबणना कर देश में दलितों, आदिवासियों, गरीबों और सामान्य कैटगरी के लोगों का पता लगाने का वादा किया था। उनके मुताबिक, अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है, तो वह विभिन्न क्षेत्रों में इस समुदायों की भागीदारी के बारे में भी पता लगाएगी। मोदी ने ऐसे सर्वे को लोगों की निजी जिंदगी में घुसपैठ बताया।
मोदी ने कहा कि यह पूरी तरह से 'अर्बन नक्सल' सोच है। 'अर्बन नक्सल' शब्द उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो शहरों में रहते हैं और कथित तौर पर माओवादी विचाराधारा से सहानुभूति रखते हैं। मोदी ने गवर्नेंस के लिए भी कांग्रेस सरकार की आलोचना की। साथ ही, दशकों तक सत्ता में रहने के बाद भी ऐसे उपायों की जरूरत पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'जो लोग खुद को राजनीतिक एक्सपर्ट मानते हैं, उन्हें ऐसे लोगों से सवाल पूछना चाहिए कि अगर आपके हिसाब से वाकई में ऐसी परिस्थिति है, तो आपने 50-60 साल के शासन में ऐसी स्थिति क्यों आने दी?'
उनका कहना था, ' ऐसे में इस बात के लिए देश को जागरूक करना मेरी जिम्मेदारी बन जाती है कि वे आपको लूटने की तैयारी कर रहे हैं। दूसरा हिस्सा मनमोहन सिंह का है, जिन्होंने साफ तौर पर कहा कि देश के संसाधनों पर पहला हक किसका है। इन लोगों ने साफ तौर पर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं।' उनका यह भी कहना था कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में 'मुस्लिम लीग' की छाप नजर आती है।