प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पूर्व सहयोगी और शिव सेना नेता उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जिन लोगों ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, उन्होंने अपनी निजी महत्वाकांक्षाओं की वजह से अहंकार पाल लिया और गठबंधन के साथ धोखा किया। प्रधानमंत्री दरअसल अविभाजित शिव सेना की बात कर रहे थे, जिसने 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद एनडीए से नाता तोड़कर एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूज18 के ग्रुप एडिटर इन चीफ राहुल जोशी, न्यूज18 के कन्नड़ एडिटर हरिप्रसाद और न्यूज18 लोकमत के एंकर विलास बड़े को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में यह बात कही। उनसे यह पूछा गया था कि क्या उद्धव और शरद पवार की पार्टियों में संकट की वजह से इन दोनों को लेकर महाराष्ट्र में सहानुभूति की लहर होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लोग वंशवाद की राजनीति को पसंद नहीं करते हैं और इसी वजह से शिव सेना और एनसीपी में विभाजन हुआ।
प्रधानमंत्री ने कहा, ' जिन लोगों ने साथ चुनाव लड़ा और हमारे साथ मिलकर महाराष्ट्र में वोट मांगे, उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा की वजह से अहंकार पाल लिया। अपने अहंकार और महत्वाकांक्षा की वजह से आपने (उद्धव ठाकरे) ने गठबंधन के साथ धोखा किया, जो बाला साहेब ठाकरे के जमाने से चला आ रहा था। लोग इसको लेकर नाराज हैं और इस वजह से बीजेपी को लेकर सहानुभूति है।'
एनसीपी और शिव सेना में आंतरिक विवाद यानी पार्टियों के टूटने को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि यह तूफान पार्टी नेतृत्व द्वारा परिवार के सदस्यों को ज्यादा तरजीह देने का नतीजा है। उन्होंने कहा, ' शरद पवार के कुनबे की समस्या उनके परिवार का विवाद है। बेटी को कमान मिलनी चाहिए या भतीजे को? शिव सेना में भी यही लड़ाई है। क्या काबिल नेता को आगे बढ़ाना चाहिए या बेटे को?' उनका कहना था कि लोग वंशवाद की राजनीति को पसंद नहीं करते हैं। मोदी ने ऐसे लोगों से किसी भी तरह की सहानुभूति से इनकार किया।