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UP Lok sabha Polls 2024: यूपी की 8 सीटों पर आज वोटिंग, मुस्लिम मतदाताओं के असर वाले इन सीटों पर हो सकता है उलटफेर

Loksabha Elections 2024: सहारनपुर, कैराना, मुज्जफरनगर, बिजनौर, नगीना (एससी), मोरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत में मुस्लिम आबादी 23 से 42 फीसदी के बीच है। लेकिन, जहां 2019 के चुनावों में SP, BSP और RLD के गठबंधन को मुस्लिम वोटरों का समर्थन मिला थी वही इस बार SP और BSP अकेले लड़ रही हैं। RLD ने BJP से हाथ मिलाया है

अपडेटेड Apr 19, 2024 पर 12:22 PM
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रामपुर में मुस्लिम मतदाता 42 फीसदी है। यहां मुकाबला BSP के जीशान खान और SP के मौलाना महीबुल्लाह नकवी के बीच है। सपा नेता आजम खान की चुप्पी से मामला और जटिल हो गया है।

Loksabha Elections 2024: लोकसभा चुनावों के पहले चरण का मतदान शुरू हो गया है। नजरें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटों पर हैं, जहां पहले चरण में मतदान हो रहा है। इस इलाके में मुस्लिम वोटरों की अच्छी संख्या है। सहारनपुर, कैराना, मुज्जफरनगर, बिजनौर, नगीना (एससी), मोरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत में मुस्लिम आबादी 23 से 42 फीसदी के बीच है। 2019 के मुकाबले इस बार स्थिति काफी अलग है। पिछले लोकसभा चुनावों में SP, BSP और RLD ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इस बार तीनों दलों में किसी तरह का गठबंधन नहीं है। हालांकि, इस इलाके में तीनों दलों की स्थिति मजबूत है।

इस बार 2019 के मुकाबले तस्वीर अलग

इस बार BSP अकेले चुनाव लड़ रही है। जाट वोटरों के बीच मजबूत पैठ रखने वाले RLD ने BJP से हाथ मिलाया है। इससे पहले इस इलाके के अल्पसंख्यक मतों का एसपी और बीएसपी के बीच विभाजन का फायदा BJP को मिला है। लेकिन, 2022 के विधानसभा चुनावों में एक नई चीज देखने को मिली। अल्पसंख्यक मतदाताओं का धुव्रीकरण SP के पक्ष में देखा गया। BSP और इंडिया ब्लॉक ने कुछ सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार खड़े किए हैं। इससे मामला और जटिल हो गया है। इससे मुस्लिम वोटों के बंटने की संभावना दिख रही है, जिसका फायदा BJP को मिल सकता है।


मुस्लिम वोटों के बंटने का फायदा BJP को मिल सकता है

रामपुर में मुस्लिम मतदाता 42 फीसदी है। यहां मुकाबला BSP के जीशान खान और SP के मौलाना महीबुल्लाह नकवी के बीच है। सपा नेता आजम खान की चुप्पी से मामला और जटिल हो गया है। राजनीति के जानकार प्रीतम श्रीवास्तव ने कहा कि मुस्लम वोटों के बंटने का फायदा BJP के मिल सकता है। रामपुर का मामला दिलचस्प लगता है। उन्होंने कहा, "यहां से बसपा ने जीशान खान को उम्मीदवार बनाया है। सपा ने मौलाना महीबुल्लाह को टिकट दिया है। उन्हें इस इलाके में ज्यादा लोग नहीं जानते हैं। इस बार आजम खान के समर्थकों ने सपा उम्मीदवार को वोट नहीं देने का फैसला किया है। ऐसे में यहां से सांसद एमपी घनश्याम लोधी के आसानी से चुनाव जीत जाने की उम्मीद दिखती है।"

कैराना में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला

सहारनपुर में BSP के माजीद अली और कांग्रेस के इमरान मसूद के बीच मुकाबला दिख रहा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मसूद के पक्ष में मतदाताओं से अपील की है। यहां से राघव लखनपाल BJP के उम्मीदवार हैं। उन्हें उम्मीद है कि मुस्लिम वोटों के बंटने का फायदा उन्हें मिल सकता है। कैराना में एसपी की तब्बसुम हसन, BSP के शिव पाल सिंह और BJP के प्रदीप कुमार के बीच मुकाबला है।

पीलीभीत में लंबे समय बाद मेनका गांधी का परिवार नहीं लड़ रह चुनाव

मुरादाबाद में BSP ने मोहम्मद इरफान सैफी को उम्मीदवार बनाया है। उनका मुकाबले SP के सर्वेश सिंह से है। इस बार एसपी ने वतर्मान सांसद एसटी हसन को टिकट नहीं दिया है। पीलीभीत में भी लड़ाई कांटे की हो सकती है। इस बार BJP ने यहां से मेनका गांधी या वरूण गांधी को टिकट नहीं दिया है। यहां से BSP ने अनीश अहमद को खड़ा किया है। SP ने भगवत शरण गंगवार को उम्मीदवार बनाया है। BJP से जीतीन प्रसाद ताल ठोंक रहे हैं।

मुज्जफरनगर में बीजेपी को मिल सकती है कड़ी टक्कर

राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि मुज्जफरनगर जैसी सीटों में BJP को कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है। 2019 के चुनावों में बीजेपी के संजीव बालियान सिर्फ 6400 वोटों के अंतर से जीत दर्ज कर पाए थे।

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