लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद एनडीए की बैठक में सभी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गठबंधन का नेता चुना था। एनडीए की एक बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार के पीएम नरेंद्र मोदी के पैर छूने की कोशिश की एक फोटो वायरल हुई थी। इस पर सोशल मीडिया पर यूजर्स ने अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया जताई थी। जन सुराज के प्रमुख और पूर्व राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अब इस फोटो पर अपनी प्रतिक्रिया जताई है।
नीतीश के पैर छूने से पूरे बिहार की शर्मिंदगी
प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा है कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के पैर छूने से पूरे राज्य (बिहार) की शर्मिंदगी हुई है। गौरतलब है कि किशोर पिछले एक-डेढ साल से पूरे बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं। वह लोगों के बीच जाते हैं, उनसे सवाल पूछते हैं और राज्य के पिछड़ेपन के बारे में बताते हैं। बिहार में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। बिहार देश के राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्यों में शामिल है।
खास बात यह है कि एक समय नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर में काफी नजदीकी थी। नीतीश ने अपनी पार्टी का नंबर 2 पद उन्हें दे दिया था। लेकिन, यह करीबी रिश्ता ज्यादा दिन चल नहीं पाया। किशोर ने जदयू से नाता तोड़ लिया। तब से वह अलग रास्ते पर चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह क्यों नीतीश की आलोचना करते हैं। उन्होंने कहा, "लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं क्यों नीतीश कुमार की आलोचना करता हूं, जबकि मैं उनके साथ काम कर चुका हूं। तब वह अलग व्यक्ति थे। उन्होंने तब अपनी जमीर नहीं बेची थी।"
नीतीश बिहार के फायदे के लिए नहीं कर रहे कोशिश
नीतीश के पीएम मोदी के पैर छूने पर किशोर ने कहा, "किसी राज्य का नेता लोगों वहां के लोगों की प्रतिष्ठा होता है। लेकिन, नीतीश ने मोदी के पैर छूकर बिहार को शर्मिंदा किया है।" उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश एनडीए में अपनी ताकत का इस्तेमाल बिहार के फायदे के लिए नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "इस बात की काफी चर्चा हो रही है कि मोदी के तीसरी बार सत्ता में आने में नीतीश की प्रमुख भूमिका है। लेकिन, बिहार के सीएम अपनी ताकत का किस तरह इस्तेमाल कर रहे हैं?"
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नीतीश का मकसद मुख्यमंत्री बने रहना है
जन सुराज के प्रमुख ने कहा कि नीतीश बिहार के फायदे के लिए अपनी पॉजिशन का इस्तेमाल नहीं कर रहे। वह मोदी का पैर छू रहे हैं ताकि वह बीजेपी के सपोर्ट से सत्ता में बने रहे। वह 2025 के विधानसभा चुनावों के बाद भी सीएम बने रहना चाहते हैं। इस बार लोकसभा चुनावों में नीतीश की जदयू ने बिहार में 12 सीटें जीती हैं। जदयू एनडीए में टीडीपी के बाद दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी है।