रक्षा मंत्री और बीजेपी नेता राजनाथ सिंह ने नेटवर्क18 के समूह संपादक राहुल जोशी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि उनकी पार्टी भ्रष्टाचार मिटाना चाहती है और विपक्ष के इन आरोपों में कोई दम नहीं है कि एंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) और सीबीआई (CBI) जैसी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
दो मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी और सीबीआई व ईडी की कार्रवाइयों पर सिंह ने कहा, 'विपक्ष का दावा बिल्कुल बेबुनियाद है। एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। हम भ्रष्टाचार मिटाना चाहते हैं। अगर यह न मिटे, तो कम से कम इसमें कमी तो आए। विपक्ष को लगता है कि एजेंसियां गलत कर रही हैं। वे इस सिलसिले में अदालतें भी जा रही हैं। हालांकि, उन्हें अदालतों से भी क्यों नहीं राहत मिल रही है? क्या आप कहेंगे कि हमने अदालतों को भी प्रभावित कर रखा है? इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए?'
एजेंसियों द्वारा कार्रवाई के बाद विपक्षी एकता के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ' यह किस तरह की रैली थी? वे एक साथ नहीं आ रहे हैं? हम उन्हें स्वस्थ लोकतांत्रिक सिस्टम में देखना चाहते हैं। विपक्ष असरदार हो, लेकिन उसका नजरिया सकारात्मक भी होना चाहिए। हालांकि, यह विपक्ष अपनी भूमिका नहीं निभा रहा है। यह जिम्मेदारी उनकी है, हमारी नहीं।'
सिंह ने दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद संयुक्त राष्ट्र की उस टिप्पणी को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र होने चाहिए। उन्होंने कहा, ' संयुक्त राष्ट्र हमें यह बताने वाला कौन होता है? क्या 2019, 2014 में चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थे? यह बात कहां से आ गई? मान लीजिए कि एजेंसियों ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री को गलत तरीके से गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उन्हें अदालतों से राहत क्यों नहीं मिल रही है? उन्हें जमानत क्यों नहीं मिली?'
सिंह ने विपक्ष के उस आरोप का भी जवाब दिया, जिसमें कहा जाता है कि नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामेल खत्म हो जाते हैं। इस बारे में उनका कहना था, ' कुछ मामलों में क्लोजर रिपोर्ट फाइल होने की वजह से ऐसा देखने को मिल सकता है। हालांकि, एजेंसियां अपना काम करती रहती हैं। हम उन पर कोई दबाव नहीं डालेंगे।'
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विपक्ष के आरोपों पर सिंह ने कहा, 'राहुल गांधी को सच समझना चाहिए। उनकी सरकार पहले रही हैं। आजाद भारत में तकरीबन सभी कांग्रेसी सरकारों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल पड़ा। हालांकि, मोदी जी के नेतृत्व में 10 साल गुजर जाने के बाद भी हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा। उनकी और हमारी सरकार में सबसे बड़ा अंतर यही है।'