रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इंदिरा गांधी के आपातकाल का हवाला देकर कांग्रेस पर हमला किया है। एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में सिंह भावुक हो गए और कहा कि वह अपनी मां के अंतिम संस्कार में इसलिए शामिल नहीं हो पाए, क्योंकि उस वक्त वह जेल में थे। उन्होंने केंद्र सरकार पर 'तानाशाही' के आरोपों के जवाब में कहा, 'मुझे अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए परोल नहीं दी गई थी और अब वे हमें तानाशाह कह रहे हैं। मैं अपनी मां से अस्पताल में भी नहीं मिल पाया, जहां वह 27 दिनों तक भर्ती रहीं। '
राजनाथ सिंह ने कहा, 'जिन लोगों ने इमरजेंसी के जरिये तानाशाही लागू की है, वे हम पर तानाशाही का आरोप लगा रहे हैं।' इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपने उन दिनों को भी याद किया, जब इमरजेंसी के खिलाफ जागरूकता फैलाने के मामले में गिरफ्तार किए गए थे। ऐसा पहली बार नहीं है, जब सिंह ने कांग्रेस पर इमरजेंसी को लेकर हमला बोला है। उन्होंने पिछले महीने NDTV डिफेंस समिट में इमरजेंसी को भारत के इतिहास में 'काला अध्याय' बताया था। सिंह का कहना था कि इमरजेंसी को छोड़कर हिंदुस्तान में कभी भी प्रेस की आजादी पर पाबंदी नहीं लगाई गई।
उन्होंने कहा था, 'इस देश के लोकतंत्र के इतिहास में अगर हम इमरजेंसी का काला अध्याय हटा दें, तो कभी भी प्रेस की आजादी पर अंकुश नहीं लगाया गया। लेख छपने से पहले पढ़ें जाते हैं। एक पार्टी के कार्यालय से हेडलाइन तय की जाती थी। साथ ही, सरकार का विरोध करने वाले पत्रकारों को जेल भेज दिया गया। मैं भी इमरजेंसी के दौरान जेल में रहा। कई पत्रकारों को भी परेशान किया गया।'
उनका कहना था, ' अगर हम उस मुश्किल दौर (इमरजेंसी) को छोड़ दें, तो चाहे हमारी सरकार रहे या कोई अन्य सरकार, सबने प्रेस की आजादी को बरकरार रखा है।' सिंह ने पिछले साल आगरा में एक रैली को संबोधित करते हुए भी इमरजेंसी के अपने दिनों को याद किया था।