BJP की सीटें घटने की ये आर्थिक वजहें हो सकती हैं, RBI के सर्वे से मिले संकेत

लोकसभा चुनावों में BJP की सीटें घटने की वजह तलाशी जा रही है। इस बीच, RBI के एक सर्वे इस बारे में कुछ संकेत मिले हैं। आरबीआई के मई के अर्बन कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे ने ऐसी कई बातें बताई हैं, जो बीजेपी के खराब प्रदर्शन की वजहें हो सकती हैं

अपडेटेड Jun 10, 2024 पर 11:28 AM
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यह इंडेक्स यह बताता है कि आर्थिक स्थिति के बारे में लोग क्या महसूस कर रहे हैं।

लोकसभा चुनावों में बीजेपी के कमजोर प्रदर्शन का विश्लेषण जारी है। सीटें घटने की वजह तलाशी जा रही हैं। ग्रामीण इलाकों में लोगों की तकलीफ एक बड़ी वजह मानी जा रही है। लेकिन, आरबीआई के मई के अर्बन कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे से पता चला है कि शहरी उपभोक्ता भी खुश नहीं हैं। कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे का करेंट सिचुएशन इंडेक्स मई में घटा है। यह मार्च के 98.5 से घटकर मई में 97.1 पर आ गया। यह इंडेक्स यह बताता है कि आर्थिक स्थिति के बारे में लोग क्या महसूस कर रहे हैं। इंडेक्स 100 से कम होने का मतलब यह माना जाता है कि लोगों में निराशा है।

रोजगार के मामले में लोगों में निराशा

देश में रोजगार (Employment) को लेकर लोगों की सोच अच्छी नहीं है। सर्वे (RBI Survey) में शामिल 36.8 फीसदी लोगों का मानना था कि एक साल पहले के मुकाबले रोजगार के मामले में उनकी स्थिति बेहतर हुई है। 40.2 फीसदी लोगों का मानना था कि रोजगार के लिहाज से स्थिति एक साल पहले के मुकाबले खराब हुई है। बीते एक साल में इनकम के बारे में भी लोगों की सोच निराशावादी थी। हालांकि, मई में ऐसी लोगों की संख्या ज्यादा रही, जिनका मानना था कि बीते एक साल में उनकी इनकम बढ़ी है। लेकिन, नवंबर 2023 के मुकाबले इस मोर्चे पर हालात खराब हैं।


लोगों को महंगाई बढ़ने की आशंका

महंगाई की बात करें तो ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा थी, जिनका यह मानना था कि अगले एक साल में इनफ्लेशन बढ़ेगा। ओवरऑल जनवरी के मुकाबले महंगाई को लेकर लोगों की आशंका बढ़ी है। ऐसे लोगों की संख्या बढ़ी है, जो यह मानते हैं कि अगले एक साल में इनफ्लेशन बढ़ेगा। हालांकि, फ्यूचर एक्सपेक्टेशन इंडेक्स ने उम्मीद की किरण जगाई है। यह एक साल बाद इकोनॉमी को लेकर लोगों की सोच का संकेत देता है।

आगे स्थिति बेहतर होने की उम्मीद

Future Expectation Index 100 से ऊपर बना हुआ है। यह आशावादी सोच का संकेत देता है। हालांकि, यह मार्च के मुकाबले थोड़ा घटा है। फिर भी इसका लेवल ऊपर बना हुआ है। उदाहरण के लिए सर्वे में शामिल 58 फीसदी लोगों ने भविष्य में रोजगार के मौके बढ़ने का अनुमान जताया। सिर्फ 23.7 फीसदी लोगों ने कहा कि यह खराब होगा। इनफ्लेशन बढ़ने की आशंका का असर कंज्यूमर कॉन्फिडेंस पर देखने को मिला।

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इनफ्लेशन घटने तक रेपो रेट कम होने की उम्मीद नहीं

RBI के हाउसहोल्ड इनफ्लेशन एक्सपेक्टेशंस सर्वे से यह पता चला है कि आम तौर पर परिवारों का मानना है कि इनफ्लेशन में कमी आई है। लेकिन, उनका यह भी मानना है कि मार्च के सर्वे के मुकाबले अब उन्हें अगले तीन महीनों या एक साल में इनफ्लेशन बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं। इनफ्लेशन एक्सपेक्टेशंस बढ़ने की यह आशंका उन कारणों में से एक थी, जिसके चलते आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने रेपो रेट को मौजूदा लेवल पर बनाए रखने का फैसला किया।

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