संदेशखाली (Sandeshkhali Violence) में महिलाओं पर हुए अत्याचार को लेकर चौतरफा घिरीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब डैमेज कंट्रोल में जुट गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संदेशखाली में होने वाली रैली से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बुधवार को आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं की सैलरी में बढ़ोतरी की घोषणा की। अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी घोषणा करने के लिए मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया का सहारा लिया।
सीएम के मुताबिक, आशा कार्यकर्ताओं की सैलरी में 750 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी। जबकि आंगनवाड़ी वर्कर और आंगनबाडी सहायिकाओं की सैलरी में भी 750 रुपए की बढ़ोतरी की जाएगी। नई वेतन वृद्धि अगले महीने अप्रैल से प्रभावी होगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायिकाओं की सैलरी वृद्धि को लेकर घोषणा की।
किसकी कितने रुपये बढ़ेगी सैलरी
सीएम ने एक बयान में कहा, "अप्रैल महीने से आशा कार्यकर्ताओं के 750 रुपए प्रति माह बढ़ाए जाएंगे। अप्रैल से आंगनवाड़ी वर्कर और आंगनबाडी सहायिकाओं के वेतन में भी 750 रुपए की बढ़ोतरी की जाएगी।अभी आंगनवाड़ी वर्कर को वर्तमान में 8,250 रुपए प्रति माह दिए जा रहे हैं। ICDS हेल्पर के लिए 500 रुपए प्रति माह बढ़ाए जाएंगे। वर्तमान में ICDS हेल्पर को 6000 रुपए प्रति माह के आसपास दिए जा रहे हैं।"
संदेशखाली मामले को लेकर घिरीं ममता
पश्चिम बंगाल में पिछले डेढ़ महीने से संदेशखाली में पहले ED पर हमले और फिर महिलाओं से यौन उत्पीड़न पर घिरी ममता बनर्जी के सामने नए सवाल खड़े हो रहे हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट की फटकार और बंगाल के राज्यपाल के दखल के बाद भले ही पश्चिम बंगाल पुलिस ने TMC नेता शाहजहां शेख को 55 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया, लेकिन कोर्ट में पेशी के दौरान वह जिस तरह से विक्ट्री साइन बनाता नजर आया है। उससे फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या TMC सरकार में अपराधियों की इसी तरीके से पेशी होती है।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को निर्देश दिया कि संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमले का मामला और टीएमसी के निलंबित नेता शाहजहां शेख की हिरासत CBI को सौंपी जाए। हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस को पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण आचरण के लिए फटकार लगाई और कहा कि आरोपियों को बचाने के लिए जांच में देरी का हर प्रयास किया जा रहा है।
हाई कोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध को स्वीकार करने के कुछ ही घंटों के भीतर पश्चिम बंगाल सरकार ने आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन शीर्ष अदालत की पीठ ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने उसके वकील से रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष मामले का उल्लेख करने को कहा। बुधवार को दोबार सुप्रीम कोर्ट ने मामले को तत्काल सुनने से इनकार कर दिया।