पश्चिम बंगाल कांग्रेस के मुखिया अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने अपनी क्षमता के अनुसार सब कुछ किया, लेकिन बहरामपुर लोकसभा सीट को बरकरार रखने में असफल रहे। बता दें कि अधीर रंजन 1999 से इस सीट से जीत रहे थे। बहरामपुर में क्या गलत हुआ, इस पर विस्तार से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, "हार तो हार होती है। मैंने वह सब कुछ किया जो मैं कर सकता था, लेकिन मैं सफल नहीं हो सका। मैं इस सीट (बहरामपुर) से पांच बार जीत चुका हूं। मैं सुन रहा हूं कि इस बार भाजपा को अधिक वोट मिले हैं।"
अधीर रंजन चौधरी ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए साक्षात्कार में दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस ने मतदाताओं के बीच डर पैदा करते हुए उन्हें धमकी दी है कि अगर उनका उम्मीदवार हार गया तो महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजनाओं में से एक को बंद कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, "मेरा जिला बहुत गरीब जिला है। यहां प्रवासी श्रमिकों की पहुत बड़ी आबादी रहती है। अगर किसी गरीब व्यक्ति को 1,000 से 1,200 रुपये मिलते हैं, तो यह उसके लिए अक बड़ी राहत है, खासकर महिलाओं के लिए। तृणमूल ने चुनाव अभियान के दौरान कहा कि अगर टीएमसी उम्मीदवार हार जाता है, तो लक्ष्मी भंडार योजना (महिलाओं के लिए) बंद कर दी जाएगी। उन्होंने मतदाताओं में यह डर पैदा किया।"
ममता बनर्जी की अगुवाई वाली पार्टी के इस दावे पर कि वह पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ गठबंधन की राह में बाधा बन रहे हैं, चौधरी ने कहा, "मैंने अपनी पार्टी से कहा था कि पार्टी के किसी के साथ समझौता करने में मुझे कोई समस्या नहीं है। लेकिन मैंने पार्टी से ये भी कहा कि जब तक मैं बंगाल में कांग्रेस की कमान संभालूंगा, बंगाल की सीएम कोई समझौता नहीं करेंगी। मैंने पार्टी से कहा थी कि वह किसी नए व्यक्ति को राज्य कांग्रेस की कमान सौंप दे और ममता से सीधे बात करे, इससे मुझे कोई परेशानी नहीं है। लेकिन अगर वे मुझे पार्टी के चेहरे के रूप में पेश करते हुए टीएमसी से बात करते हैं, तो कोई समझौता नहीं होगा।"
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने आगे कहा कि बंगाल कांग्रेस के अधिकांश नेता टीएमसी के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा "बंगाल कांग्रेस के सभी बड़े नेता नई दिल्ली गए थे और एआईसीसी द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल हुए थे। उनमें से लगभग सभी ने, एक या दो को छोड़कर, कहा कि टीएमसी के साथ गठबंधन उचित नहीं होगा। हालांकि, अब दोष मुझ पर लगाया जा रहा है"।
टीएमसी के यूसुफ पठान से हारने वाले अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि उन्हें पूर्व क्रिकेटर के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। हालांकि, उन्होंने बताया कि ममता के नेतृत्व वाली पार्टी ने एक अजीब अभियान चलाया। "उन्होंने (TMC) बाहर से किसी को आयात किया - मुझे उस पर कोई आपत्ति नहीं है - लेकिन वह (पठान) आया और अल्पसंख्यकों से कहने लगा कि वे 'भाई' को वोट दें, 'दादा' को नहीं। जबकि दादा का मतलब हिंदू है, भाई का मतलब मुस्लिम है"।
उन्होंने कहा आगे कहा "लेकिन मुझे किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। यूसुफ पठान एक अच्छे इंसान हैं। उन्होंने मेरे खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा ... वह एक खिलाड़ी हैं और एक खिलाड़ी की तरह लड़े"। बता दें कि अधीर रंजन चौधरी को बड़ा झटका देते हुए पठान ने उन्हें 85,000 से ज्यादा मतों के अंतर से हरा दिया है।