हाथरस के प्रसिद्ध हींग बाजार में पहुंचने से पहले ही मसालों की तेज महक यहां आने वालों का स्वागत करती है, लेकिन बाजार में घुसते ही दिखते हैं यहां की सड़कों के गड्ढे, जगह-जगह पड़ा मलबा, भीड़-भाड़ वाली गलियां और जर्जर मकान। स्थानीय व्यापारियों और निवासियों का कहना है कि ये हालात सरकार की ‘उपेक्षा’ का जीता जागता सबूत है और ये उनके लिए प्रमुख मुद्दों में से एक है। हाथरस हींग को 2023 में प्रतिष्ठित ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (GI) हासलि हुआ था। व्यापारियों का कहना है कि इससे बाजार के हालात में कोई ज्यादा सुधार नहीं हुआ।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, हींग व्यापारी रोहित उपाध्याय ने कहा, "हमारे नेताओं को खोखली बयानबाजी के बजाय हमारे हालातों में सुधार लाने पर ध्यान देना चाहिए।"
GST ने हमारे कारोबार को तबाह कर दिया: व्यापारी
दुकानदार प्रीतीश जिंदल ने कहा, "हम स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और इसके बावजूद हम सबसे ज्यादा टैक्स के बोझ तले दबे हुए हैं। बदले में इंफ्रास्ट्रक्चर या सहायता के नाम पर कुछ खास नहीं मिला है।"
हींग व्यापारी ललित वाष्णेय ने कहा, "यह दुनिया का सबसे बड़ा हींग बाजार है। यहां ईरान और इराक से लाई गई हींग की प्रोसेसिंग की जाती है और इस काम के लिए यह बाजार दुनिया भर में मशहूर है। इसके बावजूद जब महंगाई, बेरोजगारी और बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख मुद्दों की बात आती है, तो हम खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। GST ने हमारे कारोबार को तबाह कर दिया है।"
GST से घट रहा है हमारा मुनाफा: व्यापारी
व्यापारी रमेश गुप्ता ने कहा, "GST की बढ़ती दरों के कारण हमारा कारोबार खत्म होता जा रहा है। मुनाफा घट रहा है, जिससे हमारी आजीविका को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है।"
हाथरस के हींग बाजार (Hathras Hing Market) संघ के अनुसार 100 रुपए प्रति किलोग्राम से लेकर 35,000 रुपए प्रति किलोग्राम तक 90 प्रतिशत हींग अफगानिस्तान से मंगाई जाती है, आठ प्रतिशत उज्बेकिस्तान से और दो प्रतिशत ईरान से।
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के तीसरे चरण के तहत हाथरस में सात मई को मतदान होगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) के बीच सीधी टक्कर है।
इस सीट से BJP ने राज्य मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि को मैदान में उतारा है और सपा ने जसवीर वाल्मीकि को टिकट दिया है।