UP Loksabha Elections 2024: गोरखपुर में रवि किशन के सामने काजल निषाद, जानें CM योगी के गढ़ में सियासी समीकरण

UP Loksabha Elections 2024: गोरखपुर लोकसभा सीट को राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है। बीजेपी ने मौजूदा सांसद रवि किशन पर दांव लगाया है। वहीं इंडिया गठबंधन ने भोजपुरी एक्ट्रेस काजल निषाद को मैदान में तारा है। कुल मिलाकर इस सीट में भोजपुरी के दो स्टार आमन सामने हैं

अपडेटेड Apr 21, 2024 पर 5:40 PM
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UP Loksabha Elections 2024: NDA के उम्मीदवार रवि किशन और इंडिया गठबंधन काजल निषाद के इस सीट से उतरने से मुकाबला बहुत कड़ा हो गया है।

Loksabha Elections 2024: गोरखपुर (Gorakhpur) में दो लोकसभा क्षेत्र हैं। गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र और दूसरी बांसगांव लोकसभा क्षेत्र। गोरखपुर सदर से मौजूदा समय में बीजेपी के रवि किशन सांसद हैं। दोनों लोकसभा क्षेत्रो में कुल 9 विधानसभा सीटें हैं। जिसमें गोरखपुर सदर में 5 विधानसभा सीटें हैं। जिसमें गोरखपुर शहर, गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवा, पिपराइच और कैंपियरगंज गोरखपुर में आती हैं। दोनों लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। साल 2017 तक यहां की राजनीति सिर्फ योगी आदित्यनाथ के इर्द-गिर्द घूम रही थी। योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद साल 2018 में हुए उपचुनाव में सपा ने जीत हासिल की। इससे बीजेपी का गढ़ छिन गया।

उत्तर प्रदेश के सीएम और हिंदुत्व के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ 19 साल तक यहां से सांसद रहे। 1998 में 26 साल की उम्र में योगी आदित्यनाथ सांसद बने। सांसद बनते ही योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी के साथ हिंदू वाहिनी संगठन तैयार किया। योगी आदित्यनाथ जब भी चुनाव मैदान में उतरे। हर बार उनकी जीत का अंतर बढ़ता गया।

गोरखपुर में कब होंगे चुनाव?


गोरखपुर लोकसभा सीट में आखिरी यानी सातवें चरण में एक जून को मतदान होंगे। भारतीय जनता पार्टी ने यहां से रवि किशन को मैदान में उतारा है। रवि किशन मौजूदा समय में सांसद हैं। उन्होंने इस सीट से साल 2019 में जीत हासिल की थी। वहीं इंडिया गठबंध की बात करें तो यहां से सपा ने भोजपुरी एक्ट्रेस काजल निषाद पर दांव लगाया है। काजल भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुकी हैं। साल 2012 में उन्होंने राजनीति में एंट्री की थी। उस समय काजल कांग्रेस में थीं। इसके बाद साल 2022 में उन्होंने साइकिल का दामन थाम लिया।

गोरखपुर लोकसभा सीट में हो चुका बड़ा-उलटफेर

जिस सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। वो सपा के खाते में एक बार जा चुकी है। हिंदुत्व के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ 1998 से लगातार 19 सालों तक गोरखपुर के सांसद रहे। 26 साल की उम्र में पहली बार संसद पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी के ही समानांतर अपना हिंदु युवा वाहिनी संगठन तैयार किया। उन्होंने 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 के चुनावों में जीत दर्ज की। हर बार उनकी जीत का अंतर बढ़ता ही गया। 2017 में यूपी विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत के बाद योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बन गए और उन्हें गोरखपुर की सीट छोड़नी पड़ी। खाली पड़ी गोरखपुर की सीट पर हुए उपचुनाव में नतीजे चौंकाने वाले रहे और यहां से समाजवादी पार्टी के प्रवीण निषाद सांसद बन गए।

गोरखपुर लोकसभा में मतदाताओं की संख्या

गोरखपुर में लोकसभा क्षेत्र की साक्षरता दर 60.81 फीसदी है। यहां पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या करीब 1,275,037 है। वहीं शहरी मतदाताओं की संख्या करीब 701,764 है। साल 2019 के ससंदीय चुनाव के मुताबिक, कुल मतदाताओं की संख्या 1976801 है।

गोरखपुर की ये हैं कई बड़ी समस्याएं

गोरखपुर में ड्रेनेज सिस्टम बड़ी समस्या है। शहर की कई सड़कों को फोरलेन किया गया है। लेकिन अधिकतर मुख्य मार्गों पर बनी नालियां सड़क से ऊंची बना दी गई हैं। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का नहीं होना भी एक बड़ी समस्या है। शहर के कचरे को डंप करना नगर निगम के लिए मुसीबत से कम नहीं है। लोगों को जाम के साथ अतिक्रमण की समस्या का भी सामना करना पड़ता है।

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Jitendra Singh

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