Lok Sabha Election Amethi Seat: अमेठी से कांग्रेस के केएल शर्मा मैदान में, गांधी परिवार से पुराना है रिश्ता

Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश से गांधी परिवार की पारंपरिक सीट पर सस्पेंस खत्म करते हुए कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को रायबरेली और अमेठी सीट से अपने कैंडिडेट्स के नाम का ऐलान कर दिया है। वायनाड से सांसद राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे जबकि किशोरी लाल शर्मा अमेठी से चुनाव लड़ेंगे। राहुल गांधी तो इस बार भी वायनाड से चुनावी मैदान में हैं और वहां मतदान पहले ही हो चुके हैं

अपडेटेड May 03, 2024 पर 10:11 AM
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किशोरी लाल शर्मा मूल रूप से पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं। उन्हें गांधी परिवार का करीबी माना जाता है क्योंकि वह रायबरेली में कांग्रेस पार्टी और सोनिया गांधी की अनुपस्थिति में उनके मैनेजर रहे हैं।

Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश से गांधी परिवार की पारंपरिक सीट पर सस्पेंस खत्म करते हुए कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को रायबरेली और अमेठी सीट से अपने कैंडिडेट्स के नाम का ऐलान कर दिया है। वायनाड से सांसद राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे जबकि किशोरी लाल शर्मा अमेठी से चुनाव लड़ेंगे। राहुल गांधी तो इस बार भी वायनाड से चुनावी मैदान में हैं और वहां मतदान पहले ही हो चुके हैं। वहीं किशोरी लाल शर्मा की बात करें तो वह अमेठी से मैदान में हैं, जहां से पिछली बार 2019 के चुनाव में बीजेपी की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को मात देकर सांसदी हासिल की थी। अमेठी से इस बार भी बीजेपी के टिकट पर स्मृति ईरानी ही मैदान में हैं।

कौन हैं KL Sharma?

किशोरी लाल शर्मा मूल रूप से पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं। उन्हें गांधी परिवार का करीबी माना जाता है क्योंकि वह रायबरेली में कांग्रेस पार्टी और सोनिया गांधी की अनुपस्थिति में उनके मैनेजर रहे हैं। किशोरी लाल शर्मा की पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ काफी घनिष्ठता थी। वह पहली बार 1983 में अमेठी आए थे और तब से वह कांग्रेस पार्टी के लिए यहां काम कर रहे हैं। 1999 में सोनिया गांधी की पहली चुनावी जीत में केएल शर्मा ने काफी अहम भूमिका निभाई थी। जब वर्ष 2004 में सोनिया गांधी ने राहुल गांधी के लिए अपनी सीट खाली कर रायबरेली चली गई थीं तो किशोरी लाल शर्मा ने अमेठी और रायबरेली, दोनों सीटों पर पार्टी के मामलों का मैनेज करना शुरू कर दिया।


2019 तक अमेठी था गांधी परिवार का मजबूत गढ़

अमेठी पहले गांधी परिवार का मजबूत गढ़ माना जाता था। 1980 में पहली बार संजय गांधी यहां से संसद पहुंचे थे। इसके बाद 1981 से 1991 तक राजीव गांधी यहां के सांसद रहे। सोनिया गांधी यहां से 1999 में संसद पहुंची थीं। 2004 में उन्होंने राहुल गांधी के लिए यह सीट छोड़ दी और राहुल यहां से तीन बार यानी 2004, 2009 और 2014 में जीतकर संसद पहुंचे। फिर आया 2019 और बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने उन्हें हरा दिया।

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