पढ़ेगा तभी तो बढ़ेगा इंडिया, भारत को पूरी तरह साक्षर बनाने की इस मुहिम में देश के स्टार्टअप्स भी जुड़ गए है। इसी कड़ी में एक नाम है Edtech स्टार्टअप Gradeup का। जो आर्टिफियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स के जरिए न सिर्फ स्टूडेंट्स के स्ट्रेस को कम करने का काम कर रहा है बल्कि कॉम्पिटेटिव एग्जाम को क्रैक करने में मदद कर रहा है।
हमारे देश में सरकारी नौकरी को हमेशा से तरजीह दी जाती है। आकड़ों के मुताबिक हर साल लगभग 3 करोड़ बच्चे कॉम्पिटेटिव एग्जाम की तैयारी करते हैं। ऐसे ही स्टूडेंट्स के सपनों को पूरा करने में मदद करता है Gradeup। ये स्टार्टअप करीब 30 से 32 कॉम्पिटेटिव एग्जाम कवर करता है जिसमें UPSC, GATE, NEET, SSC शामिल है।
एजुकेशन की क्वालिटी में सुधार के मकसद से साल 2015 में शोभित भटनागर, विभू भूषण और संजीव कुमार ने gradeup की शुरुआत की। (तीनों के एक साथ बैठे हुए शॉर्ट्स) जहां स्टूडेंट्स को लाइव क्लासेज, मॉक टेस्ट, इंटरैक्टिव क्विज औऱ 24x7 मेंटरशिप जैसी सुविधाएं दी जाती हैं।
क्वालिटी और कंटेंट को ध्यान में रखते हुए Gradeup ने टीचर्स के चयन के लिए खास Methodology तैयार की है। जिसका असर है कि इस स्टार्टअप की सक्सेस रेट दूसरे कॉम्पिटिर के मुकाबले 4 से 5 गुना है। साथ ही PTM की तर्ज पर हर हफ्ते बच्चों का रिपोर्ट कार्ड माता-पिता के साथ साझा किया जाती है।
बदलते वक्त और डिमांड के हिसाब से बदलाव और बेहतर सर्विस देने की कोशिश लगातार Gradeup कर रहा है। अगर फंडिंग की बात की जाए तो edtech स्टार्टअप में अबतक 70 करोड़ रुपए का निवेश कर चुका है और कंपनी को पूरी उम्मीद है वो अपने इनोवेटिव आइडिया की मदद से कई स्टूडेंट्स की बड़े एग्जाम क्रेक करने में मदद कर सकेंगे।