घरेलू शेयर बाजार 4 दिनों की गिरावट के बाद शुक्रवार, 19 दिसंबर को बढ़त के साथ बंद हुए। अमेरिका में नवंबर के खुदरा महंगाई आंकड़े उम्मीद से कम रहने से फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में आगे और कटौती की उम्मीद मजबूत हुई है। इससे निवेशकों का रुझान शेयरों की ओर बढ़ा। शुक्रवार को सेंसेक्स 447.55 अंक या 0.53 प्रतिशत चढ़कर 84,929.36 पर बंद हुआ। निफ्टी 150.85 अंक या 0.58 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,966.40 पर बंद हुआ।
वीकली बेसिस पर सेंसेक्स में कुल 338.3 अंक या 0.39 प्रतिशत की गिरावट रही, जबकि निफ्टी को 80.55 अंक या 0.30 प्रतिशत का नुकसान हुआ। नए सप्ताह में बाजार की चाल किन फैक्टर्स के बेसिस पर तय होगी, आइए जानते हैं...
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजीत मिश्रा का कहना है, 'इस सप्ताह साल के आखिरी त्योहार क्रिसमस के चलते कारोबार सीमित रह सकता है। घरेलू स्तर पर बाजार इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के आंकड़ों के साथ ही बैंक ऋण वृद्धि, जमा वृद्धि और विदेशी मुद्रा भंडार से जुड़े आंकड़ों पर नजर रखेंगे।'
शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 53 पैसे मजबूत होकर 89.67 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ। मिरे एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी के मुताबिक, विदेशी निवेशकों के बिकवाली के दबाव और भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते में देरी से उत्पन्न घबराहट के कारण रुपये में गिरावट का रुख रहने के आसार हैं। लेकिन अमेरिकी डॉलर सूचकांक और कच्चे तेल की कीमतों में कमजोरी रुपये को निचले स्तर पर सहारा दे सकती है।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.37 प्रतिशत गिरकर 59.60 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। ओवरसप्लाई की चिंताओं और यूक्रेन के साथ संभावित शांति समझौते की दिशा में प्रगति को लेकर उम्मीद के दबाव में तेल की कीमतें गिरीं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि यूक्रेन के प्रेसिडेंट और यूरोपियन लीडर्स के साथ बातचीत के बाद युद्ध खत्म करने का समझौता पहले से कहीं ज्यादा करीब है।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) बाजार में शुद्ध बायर रहे। उन्होंने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 1,830.89 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। अब देखना यह है कि नए कारोबारी सप्ताह में वह कैसा रुख अपनाते हैं।
ग्लोबल मैक्रोइकोनॉमिक डेटा
नए सप्ताह में अमेरिका से GDP, कोर पर्सनल कंजंप्शन एक्सपेंडिचर (PCE) डेटा, ADP एंप्लॉयमेंट डेटा और बेरोजगारी के वीकली दावों का डेटा जारी होगा। साथ ही ब्रिटेन की GDP का डेटा भी जारी होगा। इन पर मार्केट पार्टिसिपेंट्स की खास नजर रहेगी।
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