Ambit Capital के को-हेड इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज धीरज अग्रवाल का कहना है कि घरेलू बाजार में वर्तमान स्तरों से 8-10 फीसदी की और गिरावट देखने को मिल सकती है। यूएस में ब्याज दरों में आक्रमक रूप से बढ़ोतरी, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, बढ़ती महंगाई और पूर्वी यूरोप में जियोपॉलिटिकल तनाव के चलते अक्टूबर 2021 के हाई से अब तक घरेलू शेयर बाजार में 8 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है।
धीरज अग्रवाल ने इस बातचीत में आगे कहा कि मेरे लिए बाजार में 8-10 फीसदी गिरावट कोई प्रलय जैसी स्थिति नहीं है। वर्तमान बाजार स्थितियों को देखते हुए इसको एक हेल्दी करेक्शन के रूप में देखना चाहिए। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि निवेशक अगले महीने आनेवाले एलआईसी के पब्लिक इश्यू में भागीदारी के लिए बाजार से अपने पैसे निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाजार में गिरावट का यह कोई कारण नहीं है। धीरज अग्रवाल ने ये बातें CNBC-TV18 के साथ हुई अपनी बातचीत में कहीं।
इस बातचीत में धीरज अग्रवाल ने देश में पूंजी खर्च से जुड़े अतिआशावाद को लेकर भी सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि पूरे सरकारी खर्च का 60 फीसदी हिस्सा राज्य सरकारों की तरफ से आता है जिनकी वित्तीय स्थिति बहुत अच्छी नहीं है इस बात को ध्यान में रखना चाहिए।
गौरतलब है कि निवेशक सरकार की कैपेक्स योजना को लेकर काफी बुलिश नजर आ रहे हैं। सरकार एक के बाद एक बजट में इंफ्रा पर खर्च को बढ़ाती नजर आ रही है। जिसको लेकर बाजार काफी उत्साहित रहा है। इस बातचीत में धीरज अग्रवाल ने कहा कि बहुत सारे लोगों को देश में 2003-2007 की अवधि के कैपेक्स बूम की उम्मीद नजर आ रही है। मेरे नजरिए से इसमें हमें निराशा का सामना करना पड़ सकता है।
इस बातचीत में उन्होंने कहा कि आईटी कंपनियों में आई अब तक की गिरावट इनमें खरीदारी करने के लिए अभी पर्याप्त नहीं है। हाल की गिरावट में आईटी स्टॉक अपने लॉन्ग टर्म वैल्यूएशन की तरफ लौटते नजर आ रहे हैं। इन लेवलों पर इनमें आगे बहुत अच्छा अपसाइड दिखने की उम्मीद नहीं है।
गौरतलब है कि इस साल अब तक घरेलू आईटी स्टॉक्स में 5-20 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है। अमेरिका में ब्याज दरों में तेज बढ़ोतरी की आशंका के चलते ग्लोबल स्तर पर आईटी शेयरों में गिरावट देखने को मिली है। जिसका असर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिला है।