सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के लग रहे आरोपों पर अदाणी ग्रुप की ओर से बयान सामने आया है। ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा कि अदाणी ग्रीन के डायरेक्टर्स के खिलाफ यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और उनका खंडन किया जाता है। जैसा कि यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने खुद कहा है, "अभियोग में लगाए गए आरोप सिर्फ आरोप हैं और जब तक दोष साबित नहीं हो जाता, तब तक डिफेंडेंट्स को निर्दोष माना जाता है।"
बता दें कि अमेरिकी प्रॉसीक्यूटर्स ने आरोप लगाया है कि अदाणी, सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए 25 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत की पेशकश की साजिश में शामिल हैं। घूस की पेशकश भारतीय सरकारी अधिकारियों को की गई। अदाणी ग्रुप की कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सागर आर. अदाणी और MD-CEO विनीत एस. जैन पर भी अमेरिकी कानूनों को तोड़ने का आरोप लगा है।
किए जाएंगे सभी संभव कानूनी उपाय
अदाणी ग्रुप के बयान में आगे कहा गया कि सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे। अदाणी समूह हमेशा अपने संचालन के सभी अधिकार क्षेत्रों में गवर्नेंस, पारदर्शिता और रेगुलेटरी कंप्लायंस के हाइएस्ट स्टैंडर्ड्स को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। हम अपने स्टेकहोल्डर्स, पार्टनर्स और कर्मचारियों को आश्वस्त करते हैं कि हम कानून का पालन करने वाली ऑर्गेनाइजेशन हैं।
अदाणी ग्रुप के खिलाफ न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी, ब्रायन पीस ने एक बयान में कहा है, "डिफेंडेंट्स ने अरबों डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की एक विस्तृत योजना बनाई।" अमेरिकी प्रॉसीक्यूटर्स ने यह भी आरोप लगाया कि 4 अन्य डिफेंडेंट्स ने इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिटाकर और न्याय विभाग, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) और FBI के प्रतिनिधियों से झूठ बोलकर न्याय में बाधा डालने की साजिश रची।