बाजार नियामक सेबी (SEBI) आज सुप्रीम कोर्ट में अदाणी ग्रुप (Adani Group) के कंपनियों के जांच से जुड़ी रिपोर्ट पेश कर सकती है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ जानकार इसमें अदाणी ग्रुप के खिलाफ मामूली आपत्तियां हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की गठित विशेषज्ञों के एक पैनल ने अपनी जांच में कुछ गलत नहीं पाया था। इस पैनल ने मई में अपनी रिपोर्ट पेश की थी और इसमें 13 विदेशी कंपनियों की जांच की गई थी जिन पर अदाणी ग्रुप की कंपनियों में पैसे लगाने का आरोप था। हालांकि पैनल ने आरोप लगाया था कि सेबी ने कुछ ऐसे नियम ढीले कर दिए जिससे पारदर्शिता कम हुई।
इसके अलावा पैनल ने आरोप लगाया कि कई कॉरपोरेट लॉ आपस में ऐसे घुल-मिल गए कि बड़े कारोबारियों को लूपहोल मिल गया और उन्हें फायदा उठाने का मौका मिला। वहीं दूसरी तरफ बाजार नियामक सेबी ने जांच पूरी कर रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांग लिया था।
SEBI किस मामले की कर रही थी जांच
बाजार नियामक सेबी ने अदाणी के पोर्ट्स, पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर कारोबार में विदेशी निवेश की जांच अक्टूबर 2020 में शुरू की थी। यहां जांच का विषय ये था कि क्या अदाणी ग्रुप ने विदेशी कंपनियों का इस्तेमाल अपने कारोबार में किया। आरोपों के मुताबिक ग्रुप ने इन विदेशी कंपनियों के जरिए अपने शेयरों का भाव बढ़ाया और इन कंपनियों के साथ अपने जुड़ाव का उचित खुलासा भी नहीं किया। हालांकि अदाणी ग्रुप ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा कि उसने सभी जरूर खुलासे किए हैं।
अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने इस साल जनवरी में भी ऐसे ही आरोप लगाए थे, जिसकी जांच सेबी करीब ढाई साल पहले से कर रही थी। सेबी ने अक्टूबर 2020 से जांच शुरू की थी और हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में अपनी रिपोर्ट पेश की थी। हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद सेबी पर जांच तेज करने का दबाव बढ़ा। वहीं अदाणी ग्रुप की बात करें तो इसने आरोपों से इनकार किया लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर अदाणी ग्रुप के शेयर ढह गए थे। हालांकि फिर ग्रुप ने अपनी स्ट्रैटेजी बदली और आक्रामकता की बजाय पहले कर्ज पाटकर निवेशकों का भरोसा जीतने की स्ट्रैटजी अपनाई और यह कारगर दिख रही है।