इनवेस्टर ने जीरोधा पर लगाया पैसे नहीं निकालने देने का आरोप, जानिए क्या है यह पूरा मामला

इनवेस्टर का आरोप है कि जीरोधा एक स्कैम चला रही है। उन्होंने दावा किया है कि करीब 18.46 करोड़ विड्राएबल बैलेंस होने के बावजूद वह अपने ट्रेडिंग अकाउंट से 5 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं निकाल पाए। जीरोधा ने इस आरोप पर अपनी सफाई पेश की है

अपडेटेड Nov 04, 2025 पर 7:05 PM
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इस मसले पर इनवेस्टर्स कम्युनिटी से जुड़े लोग तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

मुंबई के एक इनवेस्टर ने जीरोधा पर बड़ा आरोप लगाया है। डॉ अनिरुद्ध मालपानी का आरोप है कि जीरोधा एक स्कैम चला रही है। उन्होंने दावा किया है कि करीब 18.46 करोड़ विड्राएबल बैलेंस होने के बावजूद वह अपने ट्रेडिंग अकाउंट से 5 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं निकाल पाए। मालपानी आईवीएफ स्पेशियलिस्ट और लीगल इनवेस्टर हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जीरोधा के अपने डैशबोर्ड का स्क्रीनशॉट शेयर किया है।

जीरोधा पर पैसे का फ्री इस्तेमाल का आरोप

मालपानी ने जो स्क्रीनशॉट शेयर किया है उसमें टोटल अकाउंट वैल्यू 42.9 करोड़ रुपये, करीब 24.46 करोड़ रुपये का यूज्ड मार्जिन और विड्राएबल बैलेंस दिख रहा है। उन्होंने अपने पोस्ट में इसे 'जीरोधा स्कैम' बताया है। उन्होंने लिखा है, "उन्होंने अपने अकाउंट में से मेरे अपने पैसे नहीं निकालने दिए। उनका कहना था कि पैसे निकालने की रोजाना लिमिट 5 करोड़ रुपये है। वे मेरे पैसा का फ्री इस्तेमाल करते हैं। "


जीरोधा ने इस मामले में पेश की सफाई

मालपानी ने जो स्क्रीनशॉट शेयर किया है, उसमें जीरोधा ऐप का एक मैसेज शामिल है। इस मैसेज में कहा गया है, "रोजाना मैक्सिमम 5 करोड़ रुपये निकाले जा सकते हैं। इंस्टैंट विड्रॉल के लिए रिक्वेस्ट रोजाना 100 रुपये और 2,00,000 रुपये के बीच होना चाहिए। विड्रॉल लिमिट ट्रेडिंग अकाउंट में उपलब्ध विड्राएबल बैलेंस पर निर्भर होगा।" जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत ने पुष्टि की है कि मालपानी का पेआउट रिक्वेस्ट प्रोसेस हो गया है।

सुरक्षा के लिए तय की गई है विड्रॉल लिमिट

कामत ने कहा कि 5 करोड़ रुपये की लिमिट सुरक्षा के उपाय के लिए तय की गई है। उन्होंने लिखा है, "हाय डॉक्टर, आपका पेआउट रिक्वेस्ट कल प्रोसेस हो गया है। दूसरी फाइनेंशियल सर्विसेज फर्मों की तरह हमारे लिए अपने सिस्टम की सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है। क्लाइंट्स के पैसे निकालने के लिए कुछ शर्तें हैं। जैसा कि आप अंदाजा लगा सकते हैं कि विड्रॉल प्रोसेस के दौरान कई तरह के मसले सामने आ सकते हैं। एक बार फंड का पेमेंट होने के बाद उसे रिकवर करने का कोई तरीका नहीं है। इसलिए 5 करोड़ की लिमिट तय है, जिससे हम कस्टमर्स को विड्रॉल के लिए टिकट क्रिएट करने को कहते हैं।"

यूजर्स ने इसे स्कैम मानने से किया इनकार

इस मामले की ट्रेडिंग सर्किल में काफी चर्चा हो रही है। एक यूजर ने पूछा है, "जीरोधा में 18 करोड़ क्यों रखना है? यहां तक कि बैंक और पेमेंट ऐप की भी रोजाना की विड्रॉल लिमिट होती है। ऐसा सुरक्षा के लिए होता है न कि यह एक स्कैम है।" एक दूसरे प्रोफेशनल ने लिखा है, "यह कोई स्कैम नहीं है। मैं तो ऐसे ब्रोकर के साथ जुड़ना चाहेंगे जिसके सिस्टम में इस तरह के सुरक्षा के उपाय होंगे। इससे स्कैम को रोकने और एक ही दिन में अकाउंट खाली होने जैसे मामलों पर रोक लगती है।"

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संवेदनशील जानकारियां पब्लिक नहीं करने की नसीहत

कुछ यूजर्स ने संवेदनशील फाइनेंशियल डेटा को पब्लिक्ली पोस्ट करने पर चिंता जताई है। एक यूजर ने लिखा है, "खुद के फायदे के लिए कृपया ऐसे अमाउंट को पब्लिक्ली डिसक्लोज नहीं करें। आपके लिए इससे खतरा हो सकता है।"

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