Angel One Shares: ब्रोकिंग फर्म एंजल वन के शेयर मंगलवार 1 अक्टूबर को 7 फीसदी से अधिक उछल गए। यह तेजी इस खबर के बाद आई कि ब्रोकिंग फर्म ने एक दिन पहले कैश और इक्विटी ट्रांजैक्शन के लिए अपने ब्रोकरेज फीस में बदलाव किया है। इसके तहत कंपनी अब हर ऑर्डर पर 20 रुपये या 0.1% + जीएसटी में जो भी कम हो, वह ब्रोकरेज फीस के तौर पर लेगी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि हर ट्रांजैक्शन पर न्यूनतम 2 रुपये ब्रोकरेज लगाया जाएगा। एंजल वन दूसरे डिस्काउंट ब्रोकरेज की तुलना में सबसे कम ब्रोकरेज दर और बाकी फीस ऑफर कर रहा था। हालांकि, एंजल वन कैश डिलीवरी ट्रांजैक्शन पर कोई भी ब्रोकरेज फीस नहीं वसूल करेगा।
इससे पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बीएसई ने 1 अक्टूबर से अपने ट्रांजैक्शन फीस में बदलाव का ऐलान किया था। इसके तहत दोनों एक्सचेंजों ने अब स्लैब-आधारित फीस स्ट्रक्चर की जगह ट्रू-टू-लेबल फीस स्ट्रक्चर को अपनाने का फैसला किया है। इसी के बाद अब एंजल वन ने अपनी फीस में बदलाव किया है।
इस बदलाव में सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) में भी संसोधन हुआ है। इसते तहत फ्यूचर सेल्स पर टैक्स 0.0125 प्रतिशत से बढ़कर 0.02 प्रतिशत हो जाएगा। वहीं ऑप्शंस बिक्री पर टैक्स 0.0625 प्रतिशत से बढ़कर प्रीमियम का 0.1 प्रतिशत हो जाएगा।
इस बीच, NSE पर इक्विटी और फ्यूचर्स के लिए IPFT फीस 10 रुपये प्रति करोड़ के ट्रेडेड वैल्यू पर तय किया है। इसके अलावा इस पर 18 प्रतिशत जीसएटी भी लगेगी। वहीं NSE इक्विटी ऑप्शंस के लिए, शुल्क 50 रुपये प्रति करोड़ प्रीमियम वैल्यू है और इस पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी भी लागू है।
एंजल वन के मैनेजमेंट ने हमारे सहयोगी सीएनबीसी-टीवी18 को बताया कि फीस स्ट्रक्चर में हुए नए बदलाव से उसके रेवेन्यू में 8 प्रतिशत की कमी आ सकती है। हालांकि हालांकि, प्रति ऑर्डर 20 रुपये का ब्रोकरेज फीस लागू करने से इस प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है।
दोपहर 2 बजे के करीब, एंजल वन के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 2.86 प्रतिशत की तेजी के साथ 2,635 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे। हालांकि इस साल की शुरुआत से अबतक एंजल वन में करीब 26 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि निफ्टी ने इस दौरान लगभग 18 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
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