Aten Papers IPO Listing: लिस्ट होते ही लोअर सर्किट, ₹90 के शेयर की 6% डिस्काउंट पर एंट्री

Aten Papers IPO Listing: एटेन पेपर्स एंड फोम कई मिल्स से पेपर लेकर इसे पैकेजिंग इंडस्ट्री को सप्लाई करती है और साथ ही यह पेपर मिल को कच्चे माल के तौर पर वेस्टपेपर भी बेचती है। इसके आईपीओ को निवेशकों का मिला-जुला रिस्पांस मिला था। आईपीओ के तहत सिर्फ नए शेयर जारी हुए हैं। चेक करें कंपनी की कारोबारी सेहत कैसी है और आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कैसे करेगी?

अपडेटेड Jun 20, 2025 पर 3:52 PM
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Aten Papers & Foam IPO Listing: पेपर मिल और पैकेजिंग इंडस्ट्री के बीच इंटरमीडियरी के तौर पर काम करने वाली एटेन पेपर्स एंड फोम के शेयरों की आज BSE SME पर फीकी एंट्री हुई और फिर टूटकर यह लोअर सर्किट पर आ गया। इसके आईपीओ को निवेशकों का खास रिस्पांस नहीं मिला था और हर कैटेगरी के लिए आरक्षित हिस्सा पूरा भर नहीं पाया था। आईपीओ के तहत ₹96.00 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE SME पर इसकी ₹90.00 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को कोई लिस्टिंग गेन नहीं मिला बल्कि उनकी 6.25% पूंजी ही घट गई। लिस्टिंग के बाद आईपीओ निवेशकों को और झटका तब लगा, जब शेयर टूट गए। टूटकर यह ₹85.50 (Aten Papers Share Price) के लोअर सर्किट पर आ गया और इसी पर बंद भी हुआ यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 10.94% घाटे में हैं।

Aten Papers & Foam IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च

एटेन पेपर्स एंड फोम का 31.68 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 13-17 जून तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का मिला-जुला रिस्पांस मिला था और हर कैटेगरी के लिए आरक्षित हिस्सा पूरा भर भी नहीं पाया था। ओवरऑल यह इश्यू 1.49 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 2.91 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 0.66 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 2.17 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत ₹10 की फेस वैल्यू वाले 33 लाख नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹4.27 करोड़ कैपिटल एक्सपेंडिचर, ₹15.50 करोड़ वर्किंग कैपिटल की जरूरतों और बाकी पैसे आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।


Aten Papers & Foam के बारे में

वर्ष 2019 में बनी एटेन पेपर्स एंड फोम कई मिल्स से पेपर लेकर इसे पैकेजिंग इंडस्ट्री को सप्लाई करती है। यह क्राफ्ट पेपर, डुप्लेक्स बोर्ड्स इत्यादि ऑफर करती है। साथ ही यह पेपर मिल को कच्चे माल के तौर पर वेस्टपेपर भी बेचती है। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में इसे ₹76 लाख का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में गिरकर ₹50 लाख पर आ गया। फिर स्थिति सुधरी और वित्त वर्ष 2024 में मुनाफा तेजी से उछलकर ₹2.78 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में ₹7.01 करोड़ पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू लगातार बढ़ा और सालाना 24% से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹138.70 करोड़ पर पहुंच गया।

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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First Published: Jun 20, 2025 10:27 AM

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