Axis Bank Results: जून तिमाही में कमजोर प्रदर्शन की क्या रही वजह, अच्छे दिन कब तक लौटेंगे?

कई मोर्चों पर बैंक का प्रदर्शन कमजोर रहा। हालांकि, कंपनी ने टेक्निकल इम्पैक्ट को इसका कारण बताया है। खराब प्रदर्शन का असर बैंक के शेयरों पर पड़ा है। शेयर का प्राइस 5.06 फीसदी गिरकर 1,101.30 रुपये पर चल रहा था

अपडेटेड Jul 18, 2025 पर 4:15 PM
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बीते एक साल में बैंक का शेयर करीब 16 फीसदी गिरा है।

एक्सिस बैंक का प्रदर्शन जून तिमाही में अच्छा नहीं रहा। इसका असर 18 जुलाई को कंपनी के शेयरों पर दिखा। मार्केट ओपन होते ही शेयर क्रैश कर गए। करीब 3 बजे शेयर का प्राइस 5.06 फीसदी गिरकर 1,101.30 रुपये पर चल रहा था। कई मोर्चों पर बैंक का प्रदर्शन कमजोर रहा। हालांकि, कंपनी ने टेक्निकल इम्पैक्ट को इसका कारण बताया है। खराब प्रदर्शन का असर बैंक के शेयरों पर पड़ा है। बीते एक साल में बैंक का शेयर करीब 16 फीसदी गिरा है।

नई स्लिपेज पॉलिसी का प्रदर्शन पर असर

कमजोर नेट इंटरेस्ट इनकम के बावजूद प्रोविजन से पहले (pre-provision) जून तिमाही में बैंक की प्रॉफिट ग्रोथ 14 फीसदी रही। इसमें अच्छी फीस इनकम और ट्रेडिंग गेंस का बड़ा हाथ है। अगर ट्रेडिंग गेंस को छोड़ दिया जाए तो कोर ऑपरेटिंग प्रॉफिट की ग्रोथ साल दर साल आधार पर सिर्फ 4 फीसदी रही। एक्सिस बैंक ने स्लिपेज की पहचान के लिए नई पॉलिसी लागू की है, जो काफी कंजरवेटिव है। हालांकि, लंबी अवधि में बैंक की सेहत के लिए यह अच्छी है, लेकिन जून तिमाही के नतीजों पर इसका असर पड़ा है।


करीब 2,709 करोड़ की नई स्लिपेज की पहचान

नई स्लिपेज रिकॉग्निशन पॉलिसी का असर कैश क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट प्रोडक्ट्स के साथ ही वन-टाइम सेटल्ड अकाउंट पर पड़ा है। इसके टेक्निकल इम्पैक्ट की वजह से करीब 2,709 करोड़ रुपये के स्लिपेज की पहचान हुई है। इसका संबंध बैंक की रिटेल बुक से है। हालांकि, अगर स्लिपेज पर टेक्निक्ल इम्पैक्ट को हटा दिया जाए तो भी ग्रॉस स्लिपेज तिमाही दर तिमाही आधार पर बढ़ा है। बैंक के मैनेजमेंट ने कहा है कि एग्री पोर्टफोलियो पर सीजन की वजह से दबाव पड़ा है। इससे स्लिपेज बढ़ा है।

ज्यादा प्रोविजनिंग का जून तिमाही के प्रदर्शन पर असर

एक्सिस बैंक को आगे स्लिपेज पर करीबी नजर रखनी होगी। टेक्निकल इम्पैक्ट की वजह से बैंक को ज्यादा प्रोविजनिंग के लिए मजबूर होना पड़ा। मैनेजमेंट ने कहा है कि 80 फीसदी नए स्लिपेज को कोलैटरल सपोर्ट है, इसलिए इसके चलते इकोनॉमिक लॉस ज्यादा नहीं होगा। हालांकि, बैंक की ग्रॉस और नेट क्रेडिट कॉस्ट मार्च तिमाही के मुकाबले बढ़ी है। तिमाही दर तिमाही आधार पर नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) में 17 बेसिस प्वाइंट्स की कमी आई है।

रूरल लोन में तेज गिरावट

बैंक के लो-कॉस्ट कासा (CASA) में थोड़ी ग्रोथ दिखी है। लेकिन, डिपॉजिट की कुल तस्वीर अच्छे नहीं हैं। तिमाही दर तिमाही आधार पर इसमें कमी आई है। ओवरऑल एडवान्स ग्रोथ साल दर साल आधार पर 8.1 फीसदी रही। इसमें SME लोन का बड़ा हाथ रहा। लेकिन, तिमाही दर तिमाही आधार पर यह ग्रोथ सिर्फ 1.8 फीसदी रही। रिटेल बुक में ज्यादा ग्रोथ नहीं रही है। रूरल लोन में भी तिमाही दर तिमाही आधार पर तेज गिरावट आई है।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

बैंक को अपनी एसेट क्वालिटी को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। FY26 में मार्जिन का भी ध्यान रखना होगा। हालांकि, एक्सिस बैंक का ब्रांड स्ट्रॉन्ग है। इसलिए FY27 में बैंक के प्रदर्शन में इम्प्रूवमेंट की उम्मीद है। इसके स्टॉक में काफी गिरावट आ चुकी है। ऐसे में मौजूदा लेवल से नीचे जाने की उम्मीद कम दिखती है। लंबी अवधि के लिहाज से कम कीमत पर इस स्टॉक में निवेश बढ़ाया जा सकता है।

MoneyControl News

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First Published: Jul 18, 2025 3:25 PM

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