पिछले एक साल से Bajaj Finance के शेयरों को लेकर निवशकों के बीच सेंटीमेंट कमजोर रहा है। लेकिन, बेहतर प्रदर्शन की वजह से एनालिस्ट्स का भरोसा इसके शेयरों पर बना हुआ है। बीते एक साल में यह शेयर 2 फीसदी गिरा है, जबकि निफ्टी 11 फीसदी चढ़ा है। इसकी वजह यह है कि निवेशकों को अनसेक्योर्ड लोन मार्केट में बढ़ती प्रतियोगिता की चिंता सता रही है। एनालिस्ट्स इसलिए इस स्टॉक को लेकर बुलिश हैं, क्योंकि पिछले पांच साल में कंपनी की कमाई 34 फीसदी और बिक्री 27 फीसदी की दर से बढ़ी है। मनीकंट्रोल की 'कंटरेरियन अपग्रेड' की लिस्ट में बजाज फाइनेंस शामिल है।
24 एनालिस्ट्स ने दी खरीदने की सलाह
बजाज फाइनेंस के शेयरों में निवेश करने की सलाह 24 एनालिस्ट्स ने दी है। एक साल पहले एनालिस्ट्स की संख्या 19 थी। जुलाई में विदेशी ब्रोकरेज फर्म CLSA ने इस शेयर पर अपनी राय 'आउटपरफॉर्म' से 'बाय' कर दी। उसने टारगेट प्राइस 6,600 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये कर दिया। जून तिमाही में बजाज फाइनेंस के एसेट अंडर मैनेजमेंट की ग्रोथ तिमाही दर तिमाही आधार पर 9 फीसदी रही। एनालिस्ट्स ने इसके 6-7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। CLSA ने कहा कि इतनी बड़ी एनबीएफसी के लिए इतनी ज्यादा ग्रोथ सामान्य नहीं है।
इन ब्रोकरेज फर्मों ने बढ़ाए टारगेट प्राइस
30 जून, 2023 को बजाज फाइनेंस का एसेट अंडर मैनजमेंट 2.7 लाख करोड़ रुपये था। ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने भी बजाज फाइनेंस पर अपनी राय बदल दी है। उसने इस शेयर का टारगेट प्राइस भी 7,280 रुपये से बढ़ाकर 8,310 रुपये कर दिया है। उसने कहा है कि हमें लोन में बजाज फाइनेंस की ग्रोत 27 फीसदी सीएजीआर रहने की उम्मीद है। एलारा सिक्योरिटीज की श्वेता दपतारदार ने कहा कि बजाज फाइनेंस बहुत बड़ी है और इसका प्रदर्शन बेहतर बना हुआ है।
निवेशक प्रतियोगिता बढ़ने से चिंतित
पहली तिमाही के नतीजों के बारे में बताते हुए कंपनी के मैनेजमेंट ने कहा कि उनका रूरल B2C पोर्टफोलियो येलो में है। जून तिमाही में कंपनी का ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) 0.87 फीसदी रहा, जो सबसे कम है। कंपनी का नेट एनपीए सिर्प 0.31 फीसदी है। निवेशकों को चिंता है कि लोन मार्केट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा का असर बजाज फाइनेंस की ग्रोथ पर पड़ेगा। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (JFS) की मार्केट में एंट्री के साथ बजाज फाइनेंस को बैंकों के साथ भी प्रतियोगिता बढ़ने की उम्मीद है।
जेएफएस से हो सकता है मुकाबला
Macquarie ने नवंबर 2022 में कहा था कि यह अंदाजा लगाना अभी जल्दबाजी होगी कि जेएफएस किस कस्टमर सेगमेंट और टारगेट मार्केट को सेवाएं देगी। ऐसा लगता है कि जेएफएस का फोकस कंज्यूमर और मर्चेंट लेंडिंग पर हो सकता है। यह बजाज फाइनेंस जैसी एनबीएफसी और पेटीएम जैसी फिनटेक के लिए मुख्य बिजनेस है। एनालिस्ट्स का कहना है कि ऐसी स्थिति में इनवेस्टर्स फॉरवर्ड बेसिस पर 5.5-6 गुना बुक वैल्यू चुकाने के लिए उत्साहित नहीं हैं।