अमेरिकी इकोनॉमी में लंबे समय से मंदी देखने को मिल रही है, यूरोप की सुस्ती उम्मीद से ज्यादा गंभीर हो रही है। चीन में स्थितियां लगातार चिंताजनक बनी हुई हैं। ब्रेंट क्रूड का भाव 100-110 डॉलर प्रति बैरल का स्तर पार कर रहा है। ये सारे फैक्टर बाजार के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। ये बातें मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में राइट होराइजन्स (Right Horizons) के अनिल रेगो (Anil Rego) ने कही हैं। उनका मानना है कि आने वाले साल में बैंकिंग, ऑटो और कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी शेयर आउटपरफार्म करते रहेंगे।
भारत की स्थिति दूसरे विकसित और उभरते बाजारों की तुलना में ज्यादा बेहतर
अनिल रेगो का ये भी कहना है कि भारत की स्थिति दूसरे विकसित और उभरते बाजारों की तुलना में ज्यादा बेहतर है। सरकार की अनुकूल नीतियों और तमाम सेक्टरों में ग्रोथ को सपोर्ट करने वाले कारणों के वजह से भारतीय बाजार आगे भी ग्लोबल मार्केट से बेहतर प्रदर्शन करते दिखेंगे।
आगे भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा कायम
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और यूरोप के मंदी में जाने की संभावना के बीच आगे भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। लेकिन हमारे बाजार मीडियम से लॉन्ग टर्म में अच्छा प्रदर्शन करते दिखेंगे। इसकी वजह ये है कि कॉरपोरेट इंडिया की अर्निंग ग्रोथ में अभी भी मजबूती कायम है।
बैंकिंग, ऑटो और कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी शेयर लग रहे अच्छे
2023 में कहां होगी कमाई ? इस सवाल का जवाब देते हुए अनिल रेगो ने कहा कि आने वाले साल में बैंकिंग, ऑटो और कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी शेयर ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करेंगे। भारत की प्रति व्यक्ति आय 2000 डॉलर का स्तर पार कर गई है। जिससे आम लोगों की क्रयशक्ति में बढ़त हुई है। इसका फायदा कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी सेक्टर को मिलेगा। लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ने का फायदा अगले 3-4 सालों में बिल्डिंग मटेरियल सेक्टर को भी मिलेगा।
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर भी दिखाएगा दम
इसके अलावा सरकार की देश में मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए पेश की गई PLI (production linked incentive) स्कीम और ग्लोबल कंपनियों के चाइना प्लस वन रणनीति (China+1 strategy) के चलते मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को आगे बड़ा फायदा मिलता दिखेगा। आगे ऑटो सेक्टर में भी तेजी दिखेगी। सुस्ती के लंबे चक्र के बाद ऑटो स्पेस में नए लॉन्च, बढ़ती मांग, सेमीकंडक्टरों की उपलब्धता में सुधार और इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट की गहमागहमी के चले फिर से जोश आ रहा है। आगे इस सेक्टर को इंडस्ट्रियल कमोडिटी की कीमतों में गिरावट का भी फायदा मिलेगा।
अनिल रेगो की राय है कि 2023 में बैंकिंग स्पेस में भी तेजी रहेगी। बैंकों को ब्याज दरों में बढ़त का फायदा मिलेगा। बैंकिंग सेक्टर को एनपीए की स्थिति में सुधार और इकोनॉमी में कर्ज की बढ़ती मांग का फायदा मिलेगा। ब्याज दरों में बढ़त से बैंकों के मार्जिन में सुधार देखने को मिलेगा।
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